प्रदूषण : जहरीला शहर होता जा रहा गुडग़ांव, लोगों के लिए जानलेवा साबित

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 10:51 AM (IST)

गुडग़ांव(ब्यूरो): दुनिया में तेजी से विकसित हुआ मिलेनियम शहर गुडग़ांव प्रदूषण के जहर से धीरे-धीरे मर रहा है। लगातार चार सालों से घुलते जा रहे हवा में जहरीले तत्वों के कारण यहां की आबो-हवा से अब देशी ही नहीं विदेशी भी दूर भागने लगे हैं। एक तरफ तो सरकार निवेश आकर्षित करने के लिए तरह-तरह का जलसा करती है तो दूसरी ओर सरकार की तमाम कवायदें जहरीली हवाओं में उड़ जाती हैं। विदेशी निवेश सहित होटल व्यवसाय की कमर टूट रही है, सैलानी दूर भाग रहे हैं, तो विदेशी संस्थाएं बिदकने लगी हैं। यहां पर प्रदूषण का स्तर कमोबेश खतरनाक स्तर पर लगातार कायम है और इसे कम करने के तमाम प्रशासनिक प्रयास बौने साबित होते हैं। 

गत दिनों जहां अंतरराष्ट्रीय कृषि सम्मेलन में आए 19 देशों के प्रतिनिधियों के बीच दबी जुबान गुडग़ांव का प्रदूषण चिंता का विषय बना हुआ था। तो वहीं कनाडाई सिंगर ब्रायन एडम्स ने अपने फेसबुक वॉल पर गुडग़ांव की तश्वीर पोस्ट करके प्रदूषण को लेकर शहर को जहरीला बताया था। दूसरी ओर जहरीला होता प्रदूषण भले ही लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है, लेकिन दूसरी तरफ प्रदूषण के कारोबारियों के लिए यह वरदान साबित हो रहा है। तेजी से खराब हुए वायु गुणवत्ता के बीच बाजार में एयर प्यूरीफायर बेचने वालों की बल्ले-बल्ले है। 

स्वास्थ्य पर कैसे होता है असर: अब खुले में सांस लेना खतरनाक साबित होता जा रहा है। हवा में पीएम 2.5 स्तर पीएम 10 स्तर, ओजोन और कार्बन मोनोआक्साइड की सघनता से गर्भवती महिलाओं तक पर दुष्प्रभाव हो सकता है। सामान्य अवस्था में मनुष्य प्रति मिनट 6 लीटर हवा सांस में लेता है जो कि कसरत के समय बढ़कर 20 लीटर तक हो जाता है। इससे फेफड़ों में अधिक मात्रा में प्रदूषित वायु जाती है, जिससे फेफड़े सहित विभिन्न अंग क्षतिग्रस्त होते हैं। 
 


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Rakhi Yadav

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