मां के गर्भ में भी पड़ रही है प्रदूषण की मार

12/17/2018 1:36:44 PM

गुडग़ांव(पी. मार्कण्डेय): लगातार प्रदूषित हवा और इसमें बढ़ रहे धूलकणों की मात्रा सिर्फ वयस्कों के लिए ही नहीं बल्कि गर्भवती माताओं के गर्भ को भी नष्ट कर रहा है। प्रदूषण की चिंता को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता अरावली में जुटकर इसके विभिन्न पहलुओं पर मंथन किए। जिसमें सैकड़ों की संख्या में स्कूली बच्चों और अभिभावकों ने भी हिस्सा लिया। आई एम गुरुग्राम नाम की संस्था ने मिलकर करो अभियान शुरु किया है जो प्रमुख रुप से पर्यावरण और प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। अरावली के जैवविविधता पार्क में जुटे करीब 200 से अधिक विशेषज्ञों, छात्रों, अभिभावकों के बीच प्रदूषण के खतरनाक हालात पर गहन चर्चा हुई। 


प्रदूषण को लेकर मानव स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रभावों की चर्चा हुई जिसमें कहा गया कि दिल, फेफडें और विभिन्न आंतरिक अंगों के रोगियों की बड़ी तादात प्रदूषण के कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठपन का जिक्र करते हुए विशेषज्ञों ने कहा कि पीएम 2.5 जो स्तर निर्धारित किया गया है उससे दस से बीस गुना स्तर गुडग़ांव में बना हुआ है। जहरीली हवाएं सबसे अधिक घातक छोटे बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए है। पर्यावरण कार्यकर्ता स्मीता आहूजा, विजय दसमाना ने लगातार घटते अरावली के आकार पर चिंता प्रगट किया। डॉ सारिका वर्मा, डॉ असीमा गुप्ता,डॉ हिमांशु गर्ग, डॉ हेमंत गोगिया, सारिका पांडा, विनय शंकर,असीम शिवप्पा,केशव जैनी, सुरेंद्र, संजीव नागर,रोनी बेला, अवीरा, सहित सैकड़ों की संख्या में विशेषज्ञ मौजूद रहे। 

Rakhi Yadav