गुरुग्राम से राव इंद्रजीत चौथी बार बने सांसद

5/24/2019 11:17:32 AM

गुडग़ांव(गौरव): लोकसभा चुनाव की आज हुई मतगणना में 9 गुडग़ांव लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी राव इंद्रजीत सिंह ने भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज की है। इस चुनाव में दूसरे स्थान पर इंडियन नेशनल कांग्रेस के कप्तान अजय सिंह यादव रहे। राव इंद्रजीत सिंह को कुल 881546 वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रहे कप्तान अजय सिंह यादव को 495290 वोट प्राप्त हुए।

इस लिहाज से राव इंद्रजीत सिंह 386256 मतों के अंतर से विजयी रहे। इस चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को चौधरी रईस अहमद को 26756 वोट मिले जबकि इंडियन नेशनल लोकदल के वीरेंद्र राणा को 9911 और जननायक जनता पार्टी के डा. महमूद खान को 8993 मत प्राप्त हुए। लोकसभा क्षेत्र में 5389 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया।
 
सर्जिकल स्ट्राइक ने बदल राजनीति
पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हरियाणा में राजनैतिक नजरिया कुछ इस तरह बदला कि राष्ट्रवाद के नाम पर पूरा हरियाणा मोदी मय हो गया। शुरुआती दौर में यहां पर कांग्रेस की जबरदस्त लहर थी, लेकिन कांग्रेस ने जो उम्मीदवार दिए वे हरियाणा की जनता को रास नहीं आ सके। कुछ यही हाल गुरुग्राम की सीट पर भी देखने को मिला, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी कैप्टन अजय यादव को भारी मतों से हार का मुंह देखना पड़ा और राष्ट्रवाद के नाम पर राव इंदरजीत सिंह को चौथी बार जीत पर मुहर लगाने का मौका मिला।

विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर  
राव इंद्रजीत सिंह ने इस बार अपना फोकस उन्हीं विधानसभाओं में ज्यादा रखा, जहां पर मतदाता भाजपा के साथ आ सकता था। मेवात की 3 विधानसभाओं में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन कुल 9 विधानसभाओं में गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, पटौदी, बावल, रेवाड़ी में उनकी मेहनत रंग लाई। जीत का अंतर का कारण कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की भारी कमी, बूथों पर भाजपा एजेंटों की मौजूदगी और प्रचार प्रसार के क्षेत्र में भाजपा की जबरदस्त नीति, मतदाताओं को रिझाने में कामयाब रही। यही कारण है कि ज्यादातर विधानसभाओं में भाजपा और कांग्रेस की जीत के बड़े अंतर का कारण बना।

मेवात में नहीं पड़े जातिगत वोट
मेवात मैं अल्पसंख्यक समुदाय ने अपना पूर्ण योगदान कांग्रेस को दिया। यहां पर जजपा और बसपा प्रत्याशी अल्पसंख्यक समुदाय से थे। अगर यहां जातिगत आधार पर वोट पड़ते तो उससे भाजपा को अधिक फायदा मिलता। यहां की तीनों विधानसभाओं में कांग्रेस को ज्यादा वोट मिलने से भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले कम वोट मिले। वहीं अन्य विधानसभाओं में लगभग सभी जातियों ने भाजपा प्रत्याशी पर अपना विश्वास दिखया।

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