नोएडा और ग्रेटर नोएडा में खुली फ्लैटों की रजिस्ट्री, बढ़ सकती हैं कीमतें

punjabkesari.in Friday, May 31, 2024 - 03:58 PM (IST)

गुड़गांव, ब्यूरो : बहुत से ऐसे लोग जो ग्रेटर नोएडा में एक 2+1 या 3 बीचके फ्लैट वर्ष 2023 से देख रहे थे। कीमत उनके बजट में थी, लेकिन उस समय फ्लैट की रजिस्ट्री बंद थी। वही फ्लैट 2024 के आते ही अब बजट से बाहर हो गया। मार्केट में बहुत से ऐसे घर खरीदार हैं जो फ्लैट्स की रजिस्ट्री होने की शर्त पर ही घर खरीदना चाहते थे लेकिन अचानक बढ़े दामों की वजह से अब उन्हें जेब से ज्यादा खर्चना पड़ रहा है। 

 

प्रॉपर्टी के जानकार मानते हैं कि प्रॉपर्टी की कीमत रजिस्ट्री के खुलते ही अलग राह पर चल पड़ी है। एक बिल्डर रजिस्ट्री वाले फ्लैट्स की कीमत में पहले से औसतन 30-40% की वृद्धि करके बिक्री कर रहा है क्योंकि ऐसे यूनिटस अब लगभग गिने-चुने बचे हैं। घर खरीदार भी भविष्य की तैयारी करके केवल रजिस्ट्री होने वाले फ्लैट्स और सोसाइटी में ही घर लेना चाहते हैं। चाहे नोएडा हो या ग्रेटर नोएडा या ग्रेटर नोएडा वेस्ट, कुछ सेक्टरों में प्रॉपर्टी के रेट केवल 1 साल के अंदर लगभग 2 से 3 गुने तक महेंगे हो चुके हैं। 

 

क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता के अनुसार, विकास प्राधिकरणों ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, जिससे लगभग 95% समस्याओं का समाधान हुआ है। लगभग 90% बिल्डरों ने 25% धनराशि जमा कर दी है और चरणबद्ध रूप में रजिस्ट्रियां कराई जा रही हैं। घर खरीदार भी अब पहले से ज्यादा जागरूक है और पाजेशन सहित रजिस्ट्री वाले घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

 

विदित है कि अमिताभ कान्त कमेटी की सिफारिशें मानने के बाद से गौतमबुद्ध नगर में प्रोमोटर्स की अलग-अलग परियोजनाओं में नोएडा में 12000 रजिस्ट्री का रास्ता खुला है, जिसमें 1200 रजिस्ट्री हो चुकी हैं। वहीं अगर ग्रेटर नोएडा की बात करे तो 50000 से ज्यादा रजिस्ट्रियां की परमिशन अथॉरिटी ने दी है, जिसने 14000 के करीब रजिस्ट्रियां शुरू कीं कराई जा चुकी हैं।परिवेश में रेडी टू मूव के साथ अब रजिस्ट्री वाले घर नया बेंचमार्क बन चुके हैं, जो निवेश को सुरक्षित बनाता है। 

 

अगर स्पोर्ट्स सिटी की परियोजनाओं को छोड़ दें तो पूरे गौतमबुद्ध नगर के हाउसिंग सोसाइटी में रजिस्ट्री कराई जा सकती है। ऐसे में कुछ बिल्डर अब अपनी पुरानी परियोजनाओं की शेष भूखंड पर नए टावर लाने की योजना भी बना रहे है और कुछ बिल्डर ऐसे भी है जो पूर्व निर्मित परियोजनाओं में शेष निर्माण और विकास कार्यों को जल्दी से पूरा करके ओसी/सीसी के साथ बची हुई यूनिटस अच्छे रेट में बेचने की तैयारी में है।

 

आरजी ग्रुप, एक्स्प्रेस ग्रुप, इरोज ग्रुप सहित ऐसे कई बिल्डर्स है जो शेष भूखंड पर सीमित टॉवर का निर्माण करने जा रहे है। आरजी ग्रुप के निदेशक श्री हिमांशु गर्ग के अनुसार, "ग्राहक सिर्फ एक अच्छे अपार्टमेंट की नहीं, बल्कि एक जीवनशैली की भी तलाश रहे हैं। जो ग्राहक पहले इनडोर गेम्स और स्विमिंग पूल, क्लब आदि जैसी सुविधाओं के बारे में पूछताछ करते थे, वही अब भव्य प्रवेश द्वारों, एक शानदार व सुविधाओं वाले क्लब हाउस, बढ़िया लैंडस्केपिंग, गेमिंग, स्पोर्ट्स और मनोरंजन क्षेत्र और यहां तक कि आने वाले मेहमानों के लिए आंतरिक सुविधाओं आदि के बारे में सवाल कर रहे हैं। इन सुविधाओं पर ग्राहकों द्वारा खर्च करने की प्रवृत्ति के कारण हमने नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट में शेष भूखंडों पर प्रीमियम सेगमेंट के यूनिटस का निर्माण करना तय किया है।"

 

 

केडब्ल्यू ग्रुप के निदेशक पंकज कुमार जैन का कहना है कि किसी भी बिल्डर के लिए एक साथ पूरे भूखंड को विकसित करना आसान नही होता है। ऐसे में बिल्डर परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से विकसित करने लगे हैं जिससे समय पर डिलीवरी दी जा सके। समस्त एनसीआर में इस समय खरीदार रेडी टू मूव प्रॉपर्टी को पसंद कर रहे हैं और निर्माणाधीन प्रॉपर्टी में बिल्डर का प्रोफ़ाइल अच्छे से देख कर निवेश कर रहे हैं।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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