सर्दी में बढ़ा ‘चिल ब्लेंस’ का खतरा
12/27/2018 2:13:01 PM
गुडग़ांव(ब्यूरो): सर्दी में लगातार काम करने के दौरान मरीजों पर चिल ब्लेंस का खतरा मॅडराने लगा है। चिकित्सकों का कहनास है कि बीते 15 दिनों से पड़ रही कड़ाके की सर्दी के कारण अस्पताल आने वाले मरीजों में इसका लक्षण देखा जा रहा है। सिविल अस्पताल में भी बीमारी से पीड़ित रोजाना आधा दर्जन मरीज पहुंच रहे है।
सिविल अस्पताल के वरिष्ट त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. नीरज मेहता ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 150 से 200 मरीज इलाज के लिए आते है। जिसमें आधा दर्जन मरीज चिल ब्लेंस के देखे जा रहे है। उन्होने बताया इस बीमारी का शुरुआती दिनों में मरीजों को पता नही चलता लेकिन धीरे धीरे ये बड़ा रूप ले लेता है। जिसके बाद इसमें गाठें बन जाती है और खुजली के साथ इसमें जख्म पैदा होने लगते है। डा. नीरज ने बताया कि कई बार बीमारी इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज की अगुंलिया या अन्य अंग तक कटवाने पड़ते है। उन्होने बताया कि यह बीमारी खास करके घर में कार्य करने वाली वाली महिलाओं व बाहर निकलने में अक्षम बुजर्गों में होती है।
बीमारी में सर्दी की वजह से त्वचा काली पड़ जाती है जिसमें खुजली होने लगती है। वहीं वैदिक अस्पताल के एमडी डा. ललित कुमार का कहना है कि इस बीमारी में मरीजों को अधिकतर समय धूप में व्यतित करना चाहिए। इसके अलावा अलावा सुबह व शाम के समय फूल गर्म कपड़े पहनना चाहिए। बताया गया कि बीमारी होने के बाद इसमें जख्म बनने लगते है जिसमें खुजली करने के बाद रक्त स्राव होने लगता है।