डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स का बढ़ रहा है क्रेज, क्वॉलिटी और कंसिस्टेंसी में छिपा है सफलता का राज : अंतिल यादव

6/27/2022 3:31:12 PM

गुरुग्राम ब्यूरो: डिजिटल इन्फ्लुएंसर अंतिल यादव का कहना है कि अगर आप भी इन्फ्लुएंसर बनना चाहते हैं तो दो बातें सबसे महत्वपूर्ण हैं. पहला कि आप कंसिस्टेंट रहें और दूसरा आपका फोकस क्वॉलिटी कंटेंट पर होना चाहिए. अगर ये दो काम करेंगे तो सफलता आपकी कदम चूमेगी. अगर इसमें कमी होगी तो डिजिटल वर्ल्ड में सफल हो पाना मुश्किल होगा. आइए जानते हैं कि डिजिटल इन्फ्लुएंसर्स के लिए क्या जरूरी है और जो लोग इस फील्ड में नए आ रहे हैं उनके लिए खास टिप्स क्या है.

 

डिजिटल इन्फ्लुएंसर बनने के लिए क्या करना होता है और जो लोग इस फील्ड में आना चाहते हैं उनके लिए कोई खास टिप्स?

अगर आप डिजिटल स्पेस में काम कर रहे हैं तो आपको 24x7 एक्टिव रहना होगा. डिजिटल फील्ड में कंसिस्टेंसी सबसे ज्यादा जरूरी है और कंटेंट तैयार करने में आपको मजा आना चाहिए. मेरा मानना है कि जो लोग अब इस क्षेत्र में आ रहे हैं उनके पास उत्साह और नए आइडियाज का अभाव नहीं है. मेरा एकमात्र सुझाव होगा कि वे अपने कंटेंट पर फोकस करें और क्वॉलिटी को बेहतर करने पर जोर दें. इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दें कि आपके कंटेंट को कितने व्यूज मिल रहे हैं. अगर आपके कंटेंट में दम है और आप कंसिस्टेंट हैं तो देर-सबेर यूजर्स जरूर आएंगे.

 

 ऐसा क्या हुआ कि आपने डिजिटल इन्फ्लुएंसर बनने का फैसला किया और आपको कब लगा कि यह बिल्कुल सही मौका है?

शुरू से मेरी आदत रचनात्मक रूप में कहानियों को सुनाने की रही है. जब से मैंने अपने प्रफेशनल करियर की शुरुआत की है, तब से मैं कंटेट तैयार कर रहा हूं. वक्त बदलता गया और प्लैटफॉर्म्स भी बदलते गए, लेकिन कंटेंट बनाने का काम नहीं बदला. इस काम में मुझे टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट का बहुत फायदा मिला. मैने रेडियो से अपने करियर की शुरुआत की और अब मैं यूट्यूब और इंस्टाग्राम के लिए कंटेंट बना रहा हूं. इस दौरान इंफ्लुएंसर बनने के बारे में मैंने कभी विचार नहीं किया. मैं अपने कंटेंट से लोगों का केवल मनोरंजान करना चाहता हूं. धीरे-धीरे यूजर्स की संख्या बढ़ती गई और अब वे मेरे परिवार की तरह बन गए हैं.

 

आप किस तरह का कंटेंट तैयार करते हैं?

डिजिटल वर्ल्ड का बहुत ज्यादा विस्तार हो चुका है और यहां विविधता है. मुझे नहीं लगता है कि ऐसी कोई चीज है जिसके बारे में कहा या सुना नहीं गया हो. मैं अपने ऑडियंस की जिंदगी में शामिल होने की कोशिश करता हूं और उन्हें एंटरटेन करने का प्रयास करता हूं. मेरी कोशिश होती है कि जब वे मेरा कंटेंट देखें तो उनके चेहरे पर मुस्कान हो. मेरी कोशिश होती है कि वे मेरा कंटेंट देख कर रिलैक्स फील करें और अपनी परेशानियों को भूल जाएं.

 

आपके टार्गेट ऑडियंस कौन हैं और आपको उनसे कैसी प्रतिक्रिया मिलती है?

मेरा कंटेंट दैनिक जीवन से संबंधित रहता है जिससे सभी लोग कनेक्ट कर सकें. मेरी कोशिश होती है कि मिडिल क्लास के लोग इससे जुड़ाव महसूस कर सकें. मैं उनसभी लोगों के इमोशन को अपने कंटेंट में शामिल करता हूं जो परेशान हैं, हताश हैं, दुखी हैं. मैं इन लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना चाहता हूं. मैं उनके सपनों और ख्वाहिशों को छूने का काम करता हूं जिससे वे जुड़ाव महसूस कर सकें.

 

 क्या आपको कभी सोशल मीडिया ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा है? अगर हां तो आप इस परिस्थिति से कैसे निपटते हैं?

इस मामले में मैं खुद को लकी मानता हूं कि मेरे ऑडियंस बहुत ही सपोर्टिव हैं. अभी तक मुझे ट्रोलिंग का सामना नहीं करना पड़ा है. सच तो ये है कि मुझे रचनात्मक आलोचना और नासमझ ट्रोलिंग के बीच का अंतर समझ में आ गया है. ऐसे में मेरा फोकस रचनात्मक आलोचन पर होता है. उनके सुझाव पर मैं काम करता हूं. जो लोग ट्रोलिंग करना चाहते हैं मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देता हूं.

Content Editor

Gaurav Tiwari