कूड़ा निस्तारण में लगातार फेल साबित हो रही एजेंसी

4/24/2019 11:53:11 AM

गुडग़ांव(मनोज): नगर निगम द्वारा अधिकृत एजेंसी इकोग्रीन इनर्जी शहर में घर-घर से कूड़ा उठाने और डंपिंग सेंटरों से कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी स्थित कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचाने की जिम्मेदारी निर्वहन करने में फेल साबित हो रही है। इकोग्रीन एनर्जी द्वारा पिछले करीब सालभर से शहर से घर घर से कूड़ा उठाने का कार्य किया जा रहा है लेकिन अब तक एजेंसी ने न तो पूरे शहर को कवर किया और ना ही गाडिय़ां प्रतिदिन नियमित रूप से लोगों के घरों तक पहुंच पा रहीं हैं।

निगमायुक्त द्वारा बार-बार एजेंसी के प्रतिनिधियों की बैठक लेते हुए कूड़ा निस्तारण करने के कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं। पिछली बैठक में निगमायुक्त यशपाल यादव ने निर्देश दिया था कि फरवरी तक पूरे शहर को कवर कर लिया जाए लेकिन इस निर्देश का अनुपालन भी नहीं किया गया। अभी शहर के कई इलाके घर घर से कूड़ा उठाने की सुविधा से वंचित हैं जबकि एजेंसी को पूरे शहर का ठेका मिला है। उधर कूड़ा डंपिंग सेंटरों से प्रतिदिनि कूड़ा उठाकर बंधवाड़ी स्थित कूड़ा ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचाया जा रहा है।

डंपिंग सेंटरों पर कई कई दिनों तक कूड़ा सड़ता रहता है। इस तरह की शिकायतें आम लोगों द्वारा पार्षदों से की जा रहीं हैं और इसको लेकर पार्षदों मेें रोष व्याप्त है। आक्रोशित पार्षद इस अनियमितता का लेकर इकोग्रीन का ठेका रद्द करने की मांग कर रहे हैं। नगर निगम की अगली बैठक मेें इस मुद्दे को जोर शोर उठाया जाएगा। कई इलाकों में नहीं पहुंच पा रहीं गाडिय़ां: अभी भी काफी ऐसे इलाके हैं जहां इकोग्रीन की गाडिय़ां लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रही है।

वंचित इलाकों के लोगों की शिकायतें हैं कि एजेंसी की गाड़ी उनके घरों तक नहीं पहुंच पा रही है और ऐसे वंचित इलाकों के लोगों के सामने अपने घरों का कूड़ा निस्तारण करने की चिंता सता रही है। इन्हीं में से कुछ लोग घरों का कूड़ा आसपास के सार्वजनिक स्थलों पर रखने के लिए विवश हो रहे हैं। यही कारण है कि शहर के सार्वजनिक स्थलों, ग्रीन बेल्ट व सड़कों के किनारे आदि स्थलों पर कूड़ा भर रहा है।

वार्ड 34 के पार्षद आएस राठी का कहना है कि इकोग्रीन की लापरवाही से शहर के डंपिंग सेंटरों के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा सड़ता रहता है। इसके कारण लोगों को गंदगी और दुर्गंध का सामना करना पड़ रहा है। एजेंसी के खिलाफ बार-बार शिकायतें लोगों द्वारा की जा रही हैं। एजेंसी का ठेका रद्द होना चाहिए। 

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