डेंगू से बच्चे की मौत का मामला: पीड़ित पिता फिर पहुंचा स्वास्थ्य मंत्री के दरबार

2/1/2018 2:40:25 PM

गुडग़ांव(ब्यूरो): बीते 29 अक्तूबर को डेंगू से हुई बच्चे की मौत मामले में निजी अस्पताल द्वारा की गई मनमानी संबंधी मामले में न्याय के लिए मृतक बच्चे शौर्य के पिता गोपेन्द्र परमार स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के दरबार पहुंचे। जहां मंत्री जी की ओर से एक बार फिर महज कोरा आश्वासन देकर लौटा दिया गया। ज्ञात हो कि 29 अक्तूबर को शहर के एक नामी अस्पताल डेंगू से पीड़ित बच्चे के इलाज के एवज में अस्पताल प्रबंधन ने उसे 40 दिन तक भर्ती रखा। 

जिसके एवज में परिजनों से 15 लाख 88 हजार रूपए बतौर फीस वसूले। बावजूद इसके बच्चों को बचाया नही जा सका। इतना ही नही मामले को लेकर परिजनों द्वारा राज्यापल से लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, डीसी, स्वास्थ्य मंत्री सहित तमाम लोगों से गुहार लगाई जा चुकी हैं। मृतक के पिता गोपेंद्र परमार ने बताया कि उनके बेटे को डेंगू के इलाज के लिए शहर के मेदांता में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के लिए अस्पताल को 15 लाख 88 हजार रुपये बिल की अदायगी की गई।

इलाज के बाद भी उसकी सेहत में सुधार नहीं हुआ और दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में उसकी मौत हो गई। इसी सिलसिलें में वीरवार को एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने उनके निवास पहुंचे। मंत्री ने एक बार फिर आश्वासन देकर उन्हें टरका दिया। परिजनों का कहना है कि 40 दिन बाद भी अस्पताल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं है। 

दर्जनों मंत्रियों से लगाई गुहार
गोपेंद्र मंगलवार को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से भी मुलाकात कर चुके है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, हरियाणा मेडिकल काउंसिल, मेडिकल काउंसिल ऑफ  इंडिया, दिल्ली मेडिकल काउंसिल सहित 9 जगह लेटर लिख चुके है। लेकिन अभी तक उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने सार्वजनिक रूप से चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अगर उन्हे जल्द ही न्याय नही मिला तो वे प्रधानमंत्री कार्यालय के पास जाकर आत्मदाह कर लेगें।