बॉलीवुड में काम के बदौलत बनता है नाम और करियर : मारीस विजय

1/19/2022 5:07:53 PM

गुडगांव ब्यूरो : संगीतकार मारीस विजय का मानना ​​​​है कि बॉलीवुड में पहले कुछ प्रोजेक्ट्स के बाद, यह कलाकार की जिम्मेदारी है कि वह अच्छा काम करता रहे और इंडस्ट्री में टिके रहे। कोरोना काल के विगत दो वर्षों से बॉलीवुड एक कठिन समय से गुजर रहा है, लेकिन म्यूजिक इंडसट्री ही एकमात्र ऐसी जगह है जहाँ लॉक डाउन और बाकी चीजों के बावजूद भी काम जारी रहा। संगीतकार मारीस विजय का कहना है कि इस दौरान एक तरफ जहाँ संगीतकारों ने बहुत सारे लाइव गिग्स खो दिए, वहीं उन्हें बहुत लंबे समय के बाद अपनी आंतरिक रचनात्मकता शक्ति को सदृढ़ करने का मौका मिला। लॉक डाउन के अंतराल में बॉलीवुड संगीत प्रोडक्शन न के बराबर था लेकिन स्वतंत्र सकंगीतकारों ने नया म्यूजिक बनाना जारी रखा। हालांकि इन दो शैलियों की तुलना से बचते हुए  संगीतकार मारीस विजय कहते हैं कि बॉलीवुड संगीत करना निश्चित रूप से अधिक कठिन है क्योंकि इसे  एक निश्चित व्यवस्था के अनुसार लिखा जाना चाहिए और इसलिए इसकी सीमाएँ हैं।

मारीस विजय ने  रिलीज़ के लिए तैयार डिजिटल फिल्म "द फ्यूचर इज डार्क" में अपना संगीत दिया है  जो फैंस के बीच काफ़ी रोमांच भर देगा। फिल्म आलोचकों ने फिल्म के संगीत को काफी प्रभावशाली बताया है। साथ ही मारीस विजय के म्यूजिक लेबल एम-म्यूजिक ने पूर्व राष्ट्रपति स्व० एपीजे अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि देते हो "जय हो कलाम" के नाम से एक विशेष गीत रिलीज किया है जिसे   67वें राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सवानी रविंद्र ने गाया है। “हर किसी के अपने संघर्ष होते हैं। बॉलीवुड में टिके रहने की तुलना में बॉलीवुड में ब्रेक पाना आसान है। अपना पहला गाना, दूसरा गाना या तीसरा गाना भी पाना आसान है लेकिन उसके बाद क्या? तब यह केवल आपकी प्रतिभा और कला की निपुणता पर निर्भर करता है।" मारीस आगे जोड़ते हुए कहते हैं कि "अवसर सभी के लिए हैं। मैं इन सभी रियलिटी शो गायकों को देखता हूं जो इतने प्रतिभाशाली हैं और सभी को मौके मिल रहे हैं। अब, वास्तव में, डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण यह बहुत आसान हो गया है। इसलिए, चीजें निश्चित रूप से 10 साल पहले की तुलना में आसान हो गई हैं।"

मारीस विजय ने  हाल ही में अपने म्यूजिक लेबल एम-म्यूजिक की स्थापना की है जिसके तहत वह कई बॉलीवूड हुए अन्य प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि  “कुछ लोग हैं जो केवल हिप-हॉप और ट्रान्स संगीत को  हैं, और फिर एक और श्रेणी है जो केवल रीज़नल गाने सुन रहा है, इसलिए  आज के दौर में  हर चीज के लिए एक दर्शक है। इसलिए जिस शैली के  श्रोता अधिक होंगे, उन शैलियों के गीतों में भी  विचार स्पष्ट रूप से अधिक  होंगे। मुझे बुरा लगता है जब ओरिजिनल कंटेंट को उस तरह की पहुंच नहीं मिल पाती, जो उसे मिलनी चाहिए। इसलिए हर कलाकार को स्वयं निर्भर होकर अच्छा  काम करते रहना चाहिए।"

 

Content Editor

Gaurav Tiwari