सीने से निकाला दुनिया का सबसे बड़ा ट्यूमर

10/22/2021 3:24:56 PM

गुडग़ांव, (संजय): फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीउट्यूट (एफएमआरआई) गुडग़ांव ने एक दुर्लभ सर्जरी के जरिए दुनिया का सबसे बड़ा ट्यूमर निकालने का दावा किया है। युवक को बीते तीन 4 माह से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद जांच के लिए उसे अस्पताल में दाखिल किया गया। जहां सीटी स्कैन में पाया गया कि उसके सीने में बड़ा ट्यूमर है। घंटे चली इस दुर्लभ सर्जरी के जरिए 13.85 किलोग्राम का ट्यूमर निकालने में सफलता हासिल की। सर्जरी को अंजाम देने मे प्रमुख रूप से डा. उद्गीथ धीर, निदेशक व प्रमुख सीटीवीएस के अगुवाई में उनकी टीम द्वारा किया गया। बताया गया कि 25 वर्षीय युवक के सीने से 13.85 किग्रा वजन वाला यह दुनिया का सबसे बड़े आकार का ट्यूमर है। डा. धीर के मुताबिक उपलब्ध  प्रकाशनों व चिकित्सा संबंधी आंकड़ों से यह स्प्ष्ट  है कि अब तक इससे पहले छाती में सबसे बड़े आकार का ट्यूमर गुजरात में एक मरीज के सीने से निकाला गया था। जिसका वजन 9.5 किलोग्राम था। उन्होने बताया मरीज देवेश शर्मा गंभीर हालत में एफएमआरआई लाया गया। उस समय वह सांस नही ले पा रहा था। 4 घंटे तक चली सर्जरी में आखिकार उसका आपरेशन पूरी तरह सफल हुआ।  
छाती के 90 फीसदी हिस्सा घेरा
बीते 2 तीन माह वह सांस में नही ले पाने से वह बिस्तर पर सो भी नही पा रहा था। ट्यूमर मरीज की छाती का 90 फीसदी हिस्सा घेरे हुए था। जो न केवल उनके हृदय बल्कि दोनों फेफड़ों को भी अपनी जगह से हिला दिया था। जिससे उसके फेफड़े महज 10 फीसदी क्षमता से ही काम कर रहे थे। अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सकों ने देवेश को इस मामले में इलाज के लिए डॉ उद्गीथ धीर से मिलने की सलाह दी थी। 
ब्लड ग्रुप भी था दुर्लभ
मरीज की सर्जरी चुनौतीपूर्ण होने के अलावा मरीज का ब्लड ग्रुप भी (एबी) निगेटिव था जो दुर्लभ होता है। जिससे मरीज की स्थिति को और गंभीर बना दिया। जब मरीज़ों के सीने में बड़े आकार के ट्यूमर मौजूद होते हैं तो ऐसे में एनेस्थी सिया देना काफी मुश्किल होता है। दरअसलए एनेस्थीहसिया देते समयए ट्यूमर के वजऩ की वजह से हृदय पर दबाव बढ़ता है जिसके चलते रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है। 
वर्जन-
‘‘मरीज़ हमारे पास काफी गंभीर स्थिति में आया था क्यों कि सीने में बड़े आकार के ट्यूमर की वजह से उनके फेफड़ों पर काफी दबाव था। वे दैनिक गतिविधियों के लायक नहीं थे। मरीज़ की सर्जरी 4 घंटे चली व इस दौरान उनकी छाती को दोनों तरफ  से खोला गया। आखिरकार ट्यूमर निकालने में टीम को सफलता मिली।’’ डा. उद्गीथ धीर,निदेशक सीटीवीएस फोर्टिस अस्पताल
 

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Gaurav Tiwari