हरियाणा में 3 नए मंत्री बनाने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

7/27/2016 12:03:26 PM

चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के मंत्रिमंडल में 3 नए मंत्रियों को शामिल करने का मामला हाईकोर्ट कर पहुंच गया है। इस मामले में एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए इस फैसले को चुनौती दी है। मंगलवार को दाखिल की गई याचिका फिलहाल हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में मौजूद है और इसके बाद याचिका की सुनवाई पर रजिस्ट्री मोहर लगाएगी। 
 
मामले में याचिका दाखिल करते हुए एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा हाल ही में मंत्रिमंडल ने 3 नए मंत्रियों को शामिल करने का फैसला लिया है। इन नियुक्तियों के लिए हरियाणा सरकार ने नियमों और संविधान की अवहेलना की है, क्योंकि तीनों नियुक्तियां वर्ष 2004 में संविधान के 91वें संशोधन का खुला उल्लंघन है।
 
याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्तमान में 3 नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में स्थान देने के चलते अब नए मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या पूर्व की संख्या से 15 फीसदी अधिक हो गई है। हरियाणा सरकार के फैसले के अनुसार विपुल गोयल, बनवारी लाल और मनीष ग्रोवर को मंत्री पद दिया गया है जिसके चलते इनको दी जाने वाली सुविधाओं का अतिरिक्त भार अब जनता पर पड़ेगा।
 
याची ने कहा कि संविधान की उल्लंघना के चलते मामले में मंत्रियों को अयोग्य ठहराया जा सकता है। याचिका में तीनों मंत्रियों को पद से हटाने की मांग करते हुए मुख्य संसदीय सचिव के रूप में भी दी जा रही सभी सुविधाएं वापिस लेने की अपील की गई है। याची ने इन नियुक्तियों को अवैध और असंवैधानिक करार दिया है। याचिका में केंद्र सरकार, केंद्रीय विधि विभाग, केंद्रीय चुनाव आयोग, हरियाणा सरकार और 3 नए मंत्रियों को प्रतिवादी बनाया है।