अगर नॉन जाट एकजुट हुए तो जाट प्रत्याशी हो जाएंगे चित

6/25/2018 11:50:46 AM

अम्बाला(वत्स): जाट और गैर जाट वोट में लगभग बराबर विभाजित भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में गत लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी मुकाबला जाट और गैर जाट प्रत्याशी के बीच होने के पूरे आसार हैं। अगर गैर जाट वोट एकजुट हुआ तो जाट प्रत्याशी के लिए इस क्षेत्र से सीट निकालने की संभावनाएं खत्म हो सकती हैं। वर्तमान सांसद चौ. धर्मबीर के मैदान छोडऩे की घोषणा करने के बाद भाजपा को इस क्षेत्र में नए प्रत्याशी की तलाश करनी होगी। नए परिसीमन के बाद बने इस क्षेत्र में अभी तक दोनों बार जाट प्रत्याशियों ने ही जीत हासिल की है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी श्रुति चौधरी ने इनैलो प्रत्याशी अजय चौटाला को करीब 55 हजार मतों से पराजित किया था। 

गत लोकसभा चुनावों में भाजपा ने जातिगत कार्ड खेलते हुए चौ. धर्मबीर को मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने अहीर प्रत्याशी के रूप में राव बहादुर सिंह पर दाव खेला था। मोदी लहर के चलते धर्मबीर आसानी से चुनाव जीत गए  थे लेकिन राव बहादुर सिंह ने श्रुति चौधरी को कड़ी टक्कर देते हुए उनसे ज्यादा वाट हासिल किए थे। इनैलो और कांग्रेस दोनों को ही मत प्रतिशत का काफी नुक्सान हुआ था। 

इस बार भाजपा सांसद धर्मबीर ने लोकसभा चुनाव नहीं लडऩे की घोषणा की हुई है। ऐसे में भाजपा को नए प्रत्याशी की तलाश करनी होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार जाट वोट के विभाजन का लाभ गैर जाट प्रत्याशी को मिल सकता है। ऐसे में सबसे अधिक संभावना आरती राव को मैदान में उतारने की नजर आ रही है। अहीर बैल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की मजबूत पकड़ का फायदा भाजपा आरती राव को मैदान में उताकर उठा सकती है। 

इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 9 विधानसभा क्षेत्र हैं। इनमें 4 अहीर बाहुल्य और 5 जाट बाहुल्य हैं। करीब सवा 12 लाख मतदाताओं वाले इस लोकसभा क्षेत्र में दोनों तरह के मतदाताओं की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है। लोहारू, बाढड़ा, चरखी दादरी, भिवानी और तोशाम भिवानी जिले में हैं और महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी व नारनौल महेंद्रगढ़ जिले में हैं। चौटाला परिवार श्रुति चौधरी से पुरानी हार का बदला लेने के लिए इस बार अपने ही परिवार के किसी सदस्य को मैदान में उतार सकता है। 

कांग्रेस एक बार फिर से श्रुति चौधरी को ही मैदान में उतारेगी। इनैलो के लिए प्लस प्वाइंट यह है कि इस बार उसके साथ बसपा भी है। बसपा को गत लोकसभा चुनावों में 2.70 फीसदी वोट मिले थे। उसके प्रत्याशी वेदपाल तंवर ने करीब 28 हजार वोट मिले थे। इस बार बसपा का वोट बैंक इनैलो के साथ होने के कारण इनैलो को इसका अच्छा फायदा लिया जा सकता है। 
 

 

  
 

 

 

 
 

 
 

  

Rakhi Yadav