हरियाणा शर्मसार: भारत विश्व में और हम देश में बदनाम

6/28/2018 11:32:27 AM

अम्बाला(वत्स, मीनू): लंदन में ग्लोबल एक्सपर्ट्स की ओर से महिला विषयों के जानकारों द्वारा किए गए सर्वे में जहां भारत को महिलाओं के लिए विश्व का सबसे खतरनाक देश करार दिया गया है तो पिछले कुछ वर्षों से बढ़ रहे रेप और गैंगरेप के मामलों ने हरियाणा को देश का सबसे अधिक शर्मसार करने वाला राज्य बना दिया है। क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2016 के बाद से औसत हर दूसरे दिन रेप और गैंगरेप के मामले सामने आए हैं। इस साल तो फरवरी माह के बाद से हैवानियत की हदें पार करने वाले लोगों ने प्रदेश को देश में सबसे अधिक शर्मसार करने का काम किया है

हरियाणा-अपराध का राज्य जहां वर्ष 2016 से प्रत्येक 2 दिन में लगभग 1 गैंगरेप होता है। हरियाणा अब महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित राज्य बन गया है। हरियाणा पूंजीगत आय के दृष्टिकोण से भारत का सर्वाधिक बड़ा राज्य माना जाता है जिसने देश की मात्र 2 प्रतिशत आबादी होने के बावजूद आधे से अधिक मैडल जीते हैं। अब हरियाणा एक बार फिर से शीर्ष पर है जिसका कारण इसमें होने वाले महिलाओं के प्रति अपराध हैं। भारत में सर्वाधिक संख्या में गैंगरेप हरियाणा में ही होते हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े दर्शाते हैं कि हरियाणा में वर्ष 2016 में दुष्कर्म के मामलों की संख्या 1187 थी। हरियाणा पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष मई, 2018 तक राज्य में 70 गैंगरेप के मामले दर्ज हो चुके हैं। 33 मामलों की जांच जारी है तथा 18 मामले ट्रायल स्टेज पर हैं। गत वर्ष भी गैंगरेप के 176 मामले दर्ज किए गए। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि हरियाणा में भाजपा का अभियान ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ पूरी तरह फेल हो चुका है। गूगल पर सर्च करते हुए आपको प्रति सप्ताह राज्य के विभिन्न भागों में गैंगरेप या रेप के मामले पंजीकृत दिखाई देंगे। 

हरियाणा की आबरू को लग रहा ग्रहण'
महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों के मामले में हरियाणा की बदनामी हो रही है। हरियाणा अब महिलाओं के प्रति होने वाले अत्याचारों के मामले में भी पूरे देश में शीर्ष पर आ गया है।

समाज का बदलता परिवेश
लड़कियां अपने घर के बाहर शिक्षा, काम करने एवं खेलों में भाग लेने के लिए जाती हैं। बाहरी लड़कों से दोस्ती पनपती है और ‘यूज एंड थ्रो’ वाली स्थिति सामने आती है। यह आज के बदलते समाज में आधुनिकता की आड़ में शारीरिक शोषण का एक जरिया है। ऐसे लड़के इन लड़कियों से शादी नहीं करते हैं, वे इन्हें केवल मौज-मस्ती के लिए साथ रखते हैं।गांवों और जिलों में सबके पास स्मार्टफोन्स हैं जो पोर्नोग्राफी तक सीधी पहुंच करा देते हैं। यह भी बहुत बड़ा कारण है महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों का। पोर्नोग्राफी देख-देख कर युवक लड़कियों से रिश्ते बनाते हैं और उन्हें एक वस्तु की तरह अपने मित्रों के साथ शेयर करते हैं। बहुत से गैंगरेप के मामलों में आरोपी पीड़िता का जानकार ही पाया गया है। जहां वह पीड़िता का शोषण करने के लिए अपने मित्रों को भी बुला लेता है। कुछेक मामलों में एकतरफा प्यार अथवा विवाहेत्तर संबंध भी कारण बनते हैं। 

कुंवारों की बढ़ती संख्या
राज्य में बढ़ते लिंग अनुपात के कारण पुरुषों को विवाह योग्य लड़कियां ही नहीं मिलतीं। महिलाओं के प्रति अत्याचार, दुष्कर्मों एवं गैंगरेपों के मामलों की एक मुख्य वजह यह भी है। 2011 की सांख्यिकी के अनुसार हरियाणा में 1000 लड़कों के पीछे 834 लड़कियां थीं और पूरा लिंग अनुपात 879 था। हरियाणा में शादी बाजार भी बहुत फल-फूल रहा है। यदि पुरुष बेरोजगार है और उसके पास जमीन नहीं है तो उसे दुल्हन ढूंढने में दिक्कत आती है। कुछ गांवों में ऐसे अधेड़ उम्र के कुंवारों को ‘छुट्टा सांड’ भी कहा जाता है जो किसी भी वक्त महिला को छेड़ देंगे। राज्य सरकार ने कागजों पर ही लड़कियों को सुरक्षित करने के प्रयास किए हैं। हालांकि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के अतिरिक्त हरियाणा ने उत्तर प्रदेश के ‘एंटी रोमियो स्क्वायड’ की तर्ज पर वर्ष 2015 में ‘आप्रेशन दुर्गा’ प्रारंभ किया है एवं प्रत्येक जिले में महिला थाने भी खोले गए हैं।

दबाव से भी दबाए जाते मामले
राज्य में राजनीतिज्ञों एवं पंचायतों के बीच भी एक बेजोड़ संतुलन है जिसमें वास्तविक रूप से कोई परिवर्तन नहीं आया है। कई मामलों में देखा जाता है कि पंचायतों द्वारा पीड़िता को अपनी शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जाता है क्योंकि आरोपी अगर उस गांव का हो तो गांव की बदनामी होगी। इस सबके बावजूद राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करनी बहुत आवश्यक है। पुलिस इन मामलों की जांच का दावा करती है परन्तु अभी बहुत किया जाना बाकी है।

बेरोजगारी व शराब : घातक मेल
अधिकांश मामलों में पुरुष बेरोजगार हैं। उनके पास करने को कुछ नहीं है। वे शराब पीते हैं, नशा करते हैं और लड़कियों पर हमला करते हैं। जरूरी नहीं कि इन सभी मामलों में आरोपी अशिक्षित हों, कुछ मामलों में पढ़े-लिखे आरोपियों द्वारा यही घिनौने कृत्य किए जाते हैं। हरियाणा भारत का एक ऐसा राज्य है जहां बेरोजगारी की दर 15.3 प्रतिशत है। उदाहरण के तौर पर मेवात के नूंह में एक 17 वर्षीय लड़की के गैंगरेप के बाद आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। सभी आरोपी बेरोजगार और उसी गांव के हैं। उनमें से कोई भी आरोपी पढ़ा-लिखा या काम-धंधा नहीं करता। पीड़िता के पिता के अनुसार वे गांव के दबंग हैं और कुछ भी खरीद सकते हैं। वे सारा दिन नशा करते हैं और किसी को भी कुछ भी कह सकते हैं और उन्हें कोई कुछ कहने की हिम्मत नहीं कर सकता। मेवात जिले में अधिकांश युवा चारपाई पर बैठे पत्ते खेलते दिखाई देते हैं। इसी गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि इस गांव के 80 प्रतिशत युवा जुआ खेलते हैं। उसने अपनी दोनों बेटियों को गुजरात पढऩे के लिए भेजा है जो उसे यहां से ज्यादा सुरक्षित लगता है। शराब आसानी से मिलने वाला नशा है जो सामान्यत: पुरुषों द्वारा किया जाता है। आपको किसी गांव में दवा की दुकान मिले न मिले, पर शराब का ठेका अवश्य मिल जाएगा।

कैसे बना हरियाणा महिलाओं के लिए असुरक्षित
देश में सर्वाधिक ङ्क्षलग अनुपात हरियाणा में है। खाप पंचायतों की रूढि़वादी कार्यप्रणाली एवं अमानवीय ऑनर किलिंग ने हरियाणा पर काले धब्बे ही लगाए हैं। इन अपराधों में पोर्नोग्राफी, बेरोजगारी, अविवाहित पुरुषों की संख्या भी बहुत बड़ी भूमिका निभा रही है। 

रणदीप सुर्जेवाला, प्रवक्ता, कांग्रेस।
केंद्र और हरियाणा सरकार कानून व्यवस्था की स्थिति संभालने में पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। बढ़ती रेप की घटनाओं पर रोक लगाने की दिशा में सही कदम नहीं उठाए गए हैं। आज अभिभावक अपनी बच्चियों को अकेले घर से बाहर भेजने से भी डरने लगे हैं।          

 

Deepak Paul