तेज हुई खट्टर और कुलदीप समर्थकों के बीच की जुबानी जंग

6/27/2018 10:02:48 AM

अम्बाला(वत्स): सी.एम. मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ जो आक्रामक तेवर इस्तेमाल किए हैं, उनके राजनीतिक गलियारों में महत्वपूर्ण मायने हैं। कुलदीप गैर जाट नेताओं में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। भाजपा अब उन्हें निशाना बनाते हुए कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहेगी। खट्टर के इस बयान के बाद कुलदीप के भाई चंद्रमोहन और रेणुका बिश्नोई खुलकर सी.एम. पर निशाना साध रहे हैं जबकि अन्य कांग्रेसी नेता इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। 

प्रदेश की राजनीति में चौ. भजनलाल की पहचान निर्विवाद रूप से एक कद्दावर गैर जाट नेता के रूप में रही थी। वह प्रदेश के अकेले गैर जाट नेता रहे जिन्होंने पूरे 5 साल तक सरकार चलाने में सफलता हासिल की थी। उन्हें छोड़कर किसी भी गैर जाट नेता ने सी.एम. के रूप में अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। अब मनोहर लाल खट्टर दूसरे ऐसे गैर जाट नेता बनने जा रहे हैं। जो संभवतया अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। गत विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के चलते भाजपा को जाट मतदाताओं का भी पूरा साथ मिला था। 

उसके अलावा पार्टी जाट वोट बैंक के नाम पर खाली हाथ रही है। जाट आरक्षण आंदोलन के बाद भाजपा को आने वाले विधानसभा चुनाव में जाट वोट बैंक से खाली हाथ ही रहना पड़ सकता है। यही कारण माना जा रहा है कि भाजपा की नजर अब गैर जाट वोट बैंक पर ही है। इस समय कांग्रेस में कुलदीप बिश्नोई गैर जाट नेताओं में सबसे अधिक प्रभावशाली माने जाते हैं। अगर कांग्रेस भी भाजपा की तर्ज पर ‘गैर जाट’ फार्मूले पर काम करती है तो कुलदीप को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी भी दी जा सकती है।

भाजपा व खट्टर के निशाने पर भजनलाल परिवार का आना भाजपा की किसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। भाजपा किसी भी सूरत में यह नहीं चाहेगी कि गैर जाट वोटों का विभक्तिकरण होकर कांग्रेस की ओर टर्न करे। भाजपा में प्रभावशाली जाट नेताओं की कोई कमी नहीं है लेकिन आरक्षण आंदोलन के बाद से इन नेताओं को ‘अपनों’ की ही नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। 

दिलचस्प बात यह भी है कि कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस में शामिल तो हो चुके हैं लेकिन दूसरे कांग्रेसी नेता उन्हें अभी झेलने की स्थिति में नजर नहीं आ रहे। अगर भाजपा नेताओं की ओर से कुलदीप के खिलाफ कोई बयान दिए जाते हैं तो कांग्रेसी नेता उस पर चुप्पी साधे रहते हैं। हाल ही में खट्टर के बयान के बाद भी कांग्रेस में ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। हाल ही में सी.एम. के बयान के बाद भी किसी बड़े कांग्रेस नेता ने प्रतिक्रिया व्यक्त करना जरूरी नहीं समझा है। 

Rakhi Yadav