म्हारे नेता निकले ऊत, नां तैं बैठ जाते सूत

6/30/2018 8:06:43 AM

अम्बाला(वत्स/मीनू): इसे प्रदेश के नेताओं की ही कमी माना जा सकता है कि राष्ट्रीय राजधानी के करीब होने के बावजूद हरियाणा इंटरनैशनल एयरपोर्ट से वंचित रहा है। अगर प्रदेश के नेता प्रयास करते तो ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहा एयरपोर्ट हरियाणा में बना होता। प्रदेश में इंटरनैशनल एयरपोर्ट होने का लाभ पूरे प्रदेश के लोगों को मिलना था। जेवर में इंटरनैशनल एयरपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद हरियाणा में बड़े एयरपोर्ट की संभावनाएं धूमिल हो चुकी हैं।

दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर विमानों के बढ़ते दबाव को देखते हुए नागरिक उड्डयन विभाग ने एन.सी.आर. में एक और इंटरनैशनल एयरपोर्ट स्थापित करने का निर्णय लिया था। तत्कालीन सी.एम. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने वर्ष 2012 में हिसार में इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने का प्रस्ताव नागरिक उड्डयन मंत्रालय को भेजा था। प्रदेश सरकार ने इंटरनैशनल एयरपोर्ट विकसित करने के लिए इसका खर्च भी स्वयं वहन करने का प्रस्ताव भेजा था। 

प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद एक बार फिर इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनवाने के लिए प्रयास शुरू किए गए थे। मार्च, 2017 में प्रदेश सरकार की ओर से रनवे का सर्वे करवाने के लिए सिविल एविएशन विभाग को राशि भी जमा करवा दी थी। इसके बाद सरकार ने विभाग के नाम 4000 एकड़ जमीन करवा दी थी। इसके बावजूद प्रदेश के केंद्रीय नेताओं ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इन नेताओं की कमजोरी के कारण ही प्रदेश आज तक इंटरनैशनल एयरपोर्ट से वंचित है। इस समय सिर्फ डोमैस्टिक उड़ान के लिए हिसार एयरपोर्ट को तैयार किया जा रहा है जिसके अगस्त माह में शुरू होने की उम्मीद है। डोमैस्टिक उड़ान के मामले में हिसार एयरपोर्ट पहले भी एक बार फेल हो चुका है।

प्रदेश की जनता को उस समय बड़ा झटका लगा था जब मई, 2017 में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ग्रेटर नोएडा से करीब 55 किलोमीटर दूर जेवर गांव में इंटरनैशनल एयर पोर्ट खोलने की घोषणा कर दी। 4 हजार एकड़ जमीन पर बनने वाले ताज इंटरनैशनल एयरपोर्ट का निर्माण वर्ष 2022 तक पूरा होने की उम्मीद है। इस एयरपोर्ट से शुरूआती दौर में प्रति वर्ष 120 लाख लोग हवाई यात्रा कर सकेंगे। राजनीति के जानकारों के अनुसार अगर प्रदेश के केंद्र में मौजूद नेता सजग होते तो जेवर की जगह हरियाणा को यह एयरपोर्ट मिलना था। 

हमारे नेताओं ने इसके लिए केंद्र सरकार के समक्ष मजबूती के साथ पैरवी नहीं की। हिसार में एयरपोर्ट के लिए जेवर से ज्यादा 4194 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसके बावजूद यू.पी. इंटरनैशनल एयरपोर्ट के मामले में बाजी मार गया। सत्ता पक्ष के नेताओं की ओर से अभी तक इस दिशा में ऐसे प्रयास नहीं किए गए जिससे प्रदेश को इंटरनैशनल एयरपोर्ट के रूप में बड़ा तोहफा मिल जाता। हिसार एयरपोर्ट से डोमैस्टिक उड़ान भी लंबी दूरी तक की होने की उम्मीद कम है। दिल्ली और चंडीगढ़ तक की उड़ान के मामले में यह एयरपोर्ट पहले ही फेल हो चुका है। 
 

Rakhi Yadav