10 हजार करोड़ का वैट घोटाला मामला: SIT लोकायुक्त रिपोर्ट पर सरकार ने उठाया सवाल

8/12/2017 9:53:57 AM

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र):10,618 करोड़ रुपए के कथित वैट घोटाले में सी.बी.आई. और ई.डी. से जांच करवाने की मांग को लेकर दायर याचिका में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हरियाणा सरकार ने अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में कथित घोटाले की 10 हजार करोड़ रुपए के बड़े आंकड़े से इंकार किया जो एस.आई.टी. लोकायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कहा था। एडिशनल एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर(लीगल) ने अपने एफिडैविट में एस.आई.टी. के उस कथन से इंकार किया जिसमें 10 हजार करोड़ रुपए के घपले की जानकारी दी गई थी। 

कहा गया कि बिना कानूनी प्रावधानों को जाने व जिन डीलर्स के केसों की सुनवाई की जा रही थी उन्हें सुने बिना 1100 करोड़ रुपए का आंकड़ा तय कर दिया और बाद में विस्तार कर 10 हजार करोड़ बना दिया। लोकायुक्त की रिपोर्ट पढ़ने के बाद पता चलता है कि कैथल, सिरसा, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, सोनीपत व करनाल को लेकर एस.आई.टी. ने जिन केसों का जिक्र किया था उसमें घपले की राशि 618 करोड़ थी। बाकी की रकम बिल्डर्स की देनदारियों से जुड़ी थी। डिपार्टमैंट ने वास्तविक 1100 करोड़ रुपए की देनदारी में से 202 बिल्डर्स से 828.70 करोड़ रुपए की रकम जुटाई है। यह एस.आई.टी. के शुरूआती आंकड़ों वाली राशि थी। 

डिपार्टमैंट ऑफ टाऊन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को सलाह दी जा रही है कि देनदारियां प्राप्त न होने तक न तो कोई लाइसैंस जारी करें और न ही क्लीयरैंस ग्रांट करें। बिल्डर्स के लिए जोनिंग प्लान/बिल्डिंग प्लान भी शामिल हो। याची पक्ष के एडवोकेट प्रदीप रापडिय़ा ने सरकार द्वारा अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट में एस.आई.टी. लोकायुक्त की रिपोर्ट पर सवाल उठाए जाने का विरोध किया। केस की सुनवाई के दौरान ई.डी. ने कोर्ट को बताया कि कुल 59 एफ.आई.आर. में से हरियाणा सरकार ने केवल 29 प्रदान की हैं। ऐसे में कोर्ट ने सरकार को एफ.आई.आर. से जुड़ी सारी जानकारियां, लंबित केसों की स्थिति आदि ई.डी. को बताने को कहा है। 13 सितम्बर को केस की अगली सुनवाई होगी।