फरीदाबाद में ठप्प पड़े 100 बोरवेल होंगे रिचार्ज, डिप्टी CM ने की पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत

1/21/2023 10:13:24 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज हमें अधिक से अधिक भूजल संरक्षण की आवश्यकता है। इसके लिए हमें अपने प्राकृतिक स्रोतों को पुनर्जीवित करना होगा। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए सरकार भी आगे आई है और इस वर्ष इस कार्य पर 1100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला शनिवार को फरीदाबाद में आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब द्वारा शहर के 100 ठप पड़े बोरवेल को पुनर्जीवित करने के अभियान की शुरुआत करते हुए पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

 

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फरीदाबाद शहर में बड़ी संख्या में बोरवेल हैं जो भूजल स्तर नीचे जाने की वजह से ठप हो गए हैं और इससे पेयजल की समस्या सामने आती है। उन्होंने कहा कि काफी समय पहले यह मामला संज्ञान में आया तो इसके लिए एक्स्पर्ट एजेंसी तलाशने के लिए कहा गया। काफी तलाश करने पर सामने आया कि महाराष्ट्र में कुछ लोग ठप पड़े बोरवेल को पुनर्जीवित करने पर काम कर रहे हैं। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इसके बाद इन लोगों से संपर्क किया गया और आवाज फाउंडेशन व रोटरी क्लब द्वारा इस पूरे काम का जिम्मा लिया गया। अब फरीदाबाद शहर में यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है और शुरुआत में 100 बोरवेल इसके तहत पुनर्जीवित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके प्रतिवर्ष छह से आठ लीटर पेयजल आम लोगों को मिल सकता है। इस परियोजना में एक बोरवेल में 50 हजार रुपये का खर्च आएगा और इसे रोटरी क्लब व आवाज फाउंडेशन मिलकर खर्च करेंगे। 

 

पत्रकारों के एक सवाल में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि शुरुआत फरीदाबाद में करने के बाद इसे धीरे-धीरे अन्य संगठनों व औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज पूरे प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं। पुराने तालाबों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कई जिले प्रदेश में ऐसे हैं जहां भूजल स्तर ऊपर आने से दिक्कत आई है और यमुना किनारे के जिलों में जलस्तर काफी नीचे गया है। उन्होंने कहा कि इसी को देखते हुए जल संरक्षण की दिशा में सरकार आगे आई है। डिप्टी सीएम ने कहा कि घरों के निर्माण के दौरान रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना जरूरी है। वहीं गांवों में भी अगर कोई किसान अपने खेतों में यह वाटर रिचार्ज बोर सिस्टम लगाना चाहता है तो सरकार उसे 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है। उन्होंने कहा कि चाहे किसान हो या सरकार जब तक हम एक जिम्मेदार नागरिक की तरह कार्य नहीं करेंगे इस गंभीर विषय को आगे नहीं बढ़ा सकते।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan