हरियाणा ने भेजी 1009 बसें, योगी सरकार ने नहीं निभाया वायदा

4/4/2020 10:22:46 AM

चंडीगढ़ : कोरोना वायरस महामारी को रोकने और राज्य में लॉकडाऊन को पूर्णतया सफल बनाने के लिए हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी भी पूरा योगदान दे रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की मांग पर लोगों को 29 मार्च को घर भेजने के लिए बसें भेजी गईं, लेकिन योगी सरकार की ओर से किए वायदे अभी तक पूरे नहीं हुए। यह आरोप आल हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन ने लगाया।

राज्य प्रधान हरिनारायण शर्मा और महासचिव बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि लॉकडाऊन को तोड़ सड़कों पर उतरी जनता को गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए यू.पी. सरकार ने हरियाणा रोडवेज से 1 हजार बसों की मांग की थी। हरियाणा के परिवहन निदेशक ने 1009 बसें भेजने का काम किया, लेकिन बसें लेकर गए चालक की सुरक्षा, खाने-पीने और ठहरने का कोई प्रबंध नहीं किया गया।

योगी सरकार ने स्टाफ को 1 हजार रुपए, ठहरने व खाने की व्यवस्था और वापसी दौरान हर बस को 95 लीटर डीजल देने का ऐलान किया था लेकिन कोई भी घोषणा पूरी नहीं की। चालकों ने जेब से डीजल डलवाकर बसों को डिपो तक पहुंचाने का काम किया था। 

कर्मचारियों के मनोबल को पहुंची ठेस
गोरखपुर छोडऩे जा रहे हरियाणा रोडवेज पलवल डिपो के चालक खुर्शीद अहमद के साथ यू.पी. पुलिस द्वारा मारपीट से कर्मचारियों के मनोबल को ठेस पहुंची है। अब सभी कर्मचारी एकजुट होकर न्याय की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है कि चालक द्वारा लखनऊ बाईपास पर गोरखपुर का रास्ता पूछने पर इंस्पैक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों ने लाठी और डंडों के साथ पिटाई कर दी।

कर्मियों की नहीं हुई स्वास्थ्य जांच
चालकों का सैंकड़ों लोगों के साथ संपर्क हुआ था और उन्हें भी कोरोना वायरस की शिकायत हो सकती है, लेकिन वापस लौटने पर हरियाणा सरकार ने कोई स्वास्थ्य जांच नहीं करवाई, जो निंदनीय है। शर्मा व दोदवा ने बताया कि संकट की घड़ी में रोडवेज का हर कर्मचारी देश व प्रदेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है। इसलिए सरकार का भी कत्र्तव्य बनता है कि अपने कर्मचारियों की हर तरह की सुरक्षा के बंदोबस्त करे ताकि मनोबल बना रहे। साथ ही खुर्शीद अहमद को उचित मुआवजा दिया जाए।

Isha