10वीं पास महिला ने शुरू किया कैरी बैग बनाने का काम, अब कई महिलाओं को रोजगार देकर बनाया आत्मनिर्भर

1/17/2023 11:28:59 AM

जींद (बिजेंद्र) : जींद जिले के गांव बीबीपुर की संतोष, जो केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ी हैं। परिवार की वित्तीय हालत कमजोर थी, ऐसे में संतोष ने आगे बढ़कर परिवार की जिम्मेदारी संभाली। शहर आकर पहले खिलौनों की दुकान की। उससे काम नहीं चला, तो फैक्टरी से कैरी बैग खरीद कर मार्केट में बेचना शुरू कर दिया। साथ ही ब्यूटी पार्लर भी खोल लिया। जब आर्थिक हालत बेहतर होने लगी, तो पिछले साल जनवरी में रोहतक रोड पर आर्य समाज वाली गली में कैरी बैग बनाने की फैक्टरी लगा दी। जिसमें प्रतिदिन मांग के अनुसार डेढ़ क्विंटल से ज्यादा कैरी बैग तैयार कर बेचती हैं। 




हर माह कमा रही 50 से 60 हजार रुपए


बताया जा रहा है कि जींद के साथ-साथ उचाना, नरवाना, पिल्लूखेड़ा, नारनौंद, हांसी सहित अन्य कई शहरों से कैरी बैग तैयार करने की मांग आती हैं। जिससे वह हर माह आसानी से 50 से 60 हजार रुपये कमा लेती हैं। संतोष का मायका जुलाना में है। 10वीं तक पढ़ाई के बाद छोटी उम्र में ही शादी हो गई थी। उनके पति पवन निजी कंपनी में काम करते थे, लेकिन किन्हीं कारणों से नौकरी छोड़नी पड़ी। जिससे परिवार के समक्ष आर्थिक संकट और बढ़ गया था। इस परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए संतोष ने खुद आगे बढ़ जिम्मेदारी संभाली। फैक्टरी के काम में पति पवन भी उनकी मदद कर रहे हैं। 

दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देकर बनाया आत्मनिर्भर 

बता दें कि कैरी बैग के साथ-साथ कपड़े के बैग तैयार करने के आर्डर भी संतोष के पास आते हैं। कपड़े के बैग तैयार करने के लिए उन्होंने 25 महिलाओं को रखा हुआ है। वहीं फैक्टरी में काम करने और माल सप्लाई के लिए भी कुछ कर्मचारी रखे हुए हैं। जिससे संतोष खुद तो अपने पैरों पर खड़ी हुई, साथ ही दूसरी महिलाओं को भी रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया।

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Content Writer

Manisha rana