जींद में AMO के 11 पद खाली, कैसे मिलेगा आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा

12/26/2017 10:27:54 AM

जींद(ब्यूरो):प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल जिस आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के गंभीर प्रयास कर रहे हैं, उस आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जींद में विस्तार के रास्ते में अनेक दिक्कतें हैं। इन दिक्कतों ने आयुष चिकित्सा पद्धति के विस्तार की राह रोक रखी है। जींद में आयुष विभाग की 35 डिस्पैंसरी तथा आयुष केंद्र हैं। प्रदेश सरकार के आयुष विभाग ने जींद जिले में आयुर्वेदिक मैडीकल अधिकारियों (ए.एम.ओ.) के कुल 35 पद स्वीकृत किए हुए हैं।

जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं को प्रभावी तरीके से चलाने के लिए कम से कम 35 ए.एम.ओ. की जरूरत है। इस समय जींद जिले में हालत यह है कि ए.एम.ओ. के 11 पद खाली पड़े हैं। ग्रामीण क्षेत्र में एक-एक ए.एम.ओ. को कई-कई राजकीय आयुर्वेदिक डिस्पैंसरी का प्रभार दिया गया है। इसका सीधा असर आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं पर पड़ रहा है। एलोपैथी की बजाय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में बढ़ रहा भरोसालोगों का भरोसा अब एलोपैथी चिकित्सा पद्धति की बजाय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की तरफ बढ़ रहा है

बीमारी को जड़ से समाप्त करने के लिए लोग अब आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को अपना रहे हैं। इसका सबूत यह है कि अकेले जींद के सिविल अस्पताल में चल रहे आयुष केंद्र में हर रोज 150 मरीजों की ओ.पी.डी. है। पूरे जिले में आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं की ओ.पी.डी. की बात की जाए तो यह महीने में लगभग 19 हजार तक पहुंच गई है। ऐसे में अगर जिले में ए.एम.ओ. के 11 खाली पद भर दिए जाएं तो आयुष की ओ.पी.डी. और बढ़ सकती है। 

20 लाख से अतिरिक्त आयुष भवन की योजना लटकी अधर में 
आयुष विभाग ने जींद के सिविल अस्पताल में चल रहे अपने आयुष केंद्र का विस्तार करने की योजना को मंजूरी दी थी। इसके तहत सिविल अस्पताल में बने आयुष केंद्र की एक और नई मंजिल का निर्माण करवाया जाना था। इस पर लगभग 20 लाख रुपए की राशि खर्च होने का अनुमान था। पहली मंजिल पर योगा हाल तथा ए.एम.ओ. के ओ.पी.डी. रूम आदि बनाए जाने थे। सरकार ने इसके लिए बजट को मंजूरी दे दी थी। पंचायती राज विभाग द्वारा इसका निर्माण करवाए जाने की योजना बनी थी। 

निर्माण के सिलसिले में पंचायती राज विभाग के जे.ई. ने सिविल अस्पताल में बने आयुष भवन का निरीक्षण भी किया था लेकिन अब योजना अधर में लटक गई है। अब तक निर्माण का यह काम पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हो पाया है। अब बजट के भी लैप्स होने का खतरा पैदा हो गया है। जींद की जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा. सुशीला के अनुसार आयुष विभाग में खाली पदों को भरने की मांग सरकार से की गई है। सिविल अस्पताल में 20 लाख रूपए की लागत से आयुष भवन की पहली मंजिल पर नई बिल्डिंग के निर्माण का काम जल्द शुरू करवाने के प्रयास होंगे।