11 वैज्ञानिक हरियाणा विज्ञान रत्न अवॉर्ड से सम्मानित, मुरथल में बनेगी साइंस सिटी

5/11/2017 10:08:04 AM

चंडीगढ़(उमंग श्योराण):राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि वर्तमान समय में विज्ञान एवं तकनीक के बिना किसी भी राष्ट्र की प्रगति संभव नहीं है। अगर हमें विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी है तो विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र को चुनौती के रूप में स्वीकार कर आगे बढ़ना होगा।

राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित समारोह में 11 वैज्ञानिकों को ‘हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड’ व ‘हरियाणा युवा विज्ञान रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया। उन्हें उम्मीद है कि जिन वैज्ञानिकों को पुरस्कृत किया गया है उनसे युवा पीढ़ी प्रेरणा लेगी।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हरियाणा भी विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में नित नई बुलंदियों को छू रहा है। सोनीपत जिला के मुरथल में 44 एकड़ भूमि में 250 करोड़ रुपए की लागत से साइंस सिटी तथा अम्बाला कैंट में 5 एकड़ में 20 करोड़ रुपए की लागत से सब-रिजनल साइंस सैंटर बनाया जा रहा है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल विज ने युवा वर्ग को दस जमा दो कक्षा के बाद विज्ञान विषयों का चयन करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि किसी भी देश की ताकत उसकी विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में हो रही उन्नति पर निर्भर करती है। 

इन वैज्ञानिकों को मिला अवार्ड
समारोह में राष्ट्रीय पादप आनुवांशिक संसाधन ब्यूरो नई दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. के.सी. बंसल को वर्ष 2012-13 के लिए व जैव कोशिका प्रजनन प्रयोगशाला राष्ट्रीय प्रतिरक्षा विज्ञान संस्थान नई दिल्ली के पूर्व उपनिदेशक डा. सतीश कुमार गुप्ता को वर्ष 2013-14 के लिए ‘हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। उनको अवार्ड के रूप में 2 लाख रुपए, एक प्रशस्ती पत्र व शॉल भेंट किया गया। इनके अलावा ‘हरियाणा युवा विज्ञान रत्न अवार्ड’ कैटेगरी में वर्ष 2012-13 के लिए अभिनीत कौशिक व प्रदीप कुमार, वर्ष 2013-14 के लिए डा. दीपक शर्मा व प्रवीण कुमार, वर्ष 2014-15 के लिए डा. सविता चौधरी व डा. अभिनव ग्रोवर, वर्ष 2015-16 के लिए डा. संदीप कुमार व डा. विनोद कुमार तथा वर्ष 2016-17 के लिए डा. अनुराग कुहाड़ को सम्मानित किया गया। इन सभी युवा वैज्ञानिकों को अवार्ड के रूप में 1 लाख रुपए, एक प्रशस्ती पत्र व शॉल भेंट किया गया। इसी दौरान ‘हरियाणा विज्ञान रत्न अवार्ड’ की राशि 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख रुपए करने तथा भविष्य में ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के अवसर पर प्रति वर्ष 28 फरवरी को वैज्ञानिकों को अवार्ड देने का कार्यक्रम आयोजित करने की भी घोषणा की गई।