आरटीआई में खुलासा: गुरुग्राम में लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से की गई 1200 रजिस्ट्रियां

7/24/2020 5:00:50 PM

गुरुग्राम (मोहित): हरियाणा में कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए लगाए लॉकडाउन की अवधि में जमकर अवैध तरीके से रजिस्ट्रियां हुई। इन रजिस्ट्रियां को करने में न तो नियमों का ध्यान रखा गया और न ही एनओसी ली गई है। गुरूग्राम में तो लॉकडाउन के दौरान अवैध रूप से करीब 1200 रजिस्ट्रियां दी गई। ये सभी रजिस्ट्री बिना किसी एनओसी के हुई हैं। इसका खुलासा आरटीआई में हुआ है।



जानकारी के मुताबिक कि ये सभी रजिस्ट्री अवैध रूप से करीब 7 तहसील के अंदर की गई हैं। दरअसल, गुरूग्राम में रजिस्ट्री कराने के लिए डीटीपी ऑफिस से एनओसी लेनी होती है, लेकिन ये सभी रजिस्ट्री बिना किसी एनओसी के कराई गई जो कि बिल्कुल अवैध है। लॉकडाउन के दौरान सोहना, बादशाहपुर, कादिपुर, हरसुरू व गुरुग्राम समेत करीब 7 तहसीलों में कार्यरत तहसीलदारों ने सरकार की सभी आदेशों को ताक पर रखकर अवैध काॅलोनियों की व हुडा एक्ट सेक्शन- 7 के तहत आने वाली कृषि भूमि की बिना किसी एनओसी के ही लगभग 1200 रजिस्ट्रियां कर दी। 

आरटीआई एक्टिविस्ट की माने तो एक 100 गज की रजिस्ट्री पर करीब एक लाख से डेढ़ लाख रूपए रिश्वत ली जाती है। 20 अप्रैल से लेकर 4 मई तक गुरुग्राम तहसील में 2 रजिस्ट्री चौमा गांव की गई हैं, गांव के ये प्लॉट 900 मीटर के दायरे में आते हैं, जहां की रजिस्ट्री सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बंद है।

रिस्वत लेकर की गई 1070 अवैध रजिस्ट्रियां
जानकारी के मुताबिक 74 रजिस्ट्री सोहना तहसील में, 2 वजीराबाद तहसील में हुई है। इसके अलावा 10 कादिपुर, 10 हर्सरु व 30 रजिस्ट्री बादशाहपुर तहसील में की गई। ये 129 रजिस्ट्री केवल 20 अप्रैल से लेकर 4 मई तक की गई। वहीं इसके बाद मई व जून में लगभग 1070 अवैध रजिस्ट्री रिस्वत लेकर की गई। इन तहसीलदारों में सोहना के नायब तहसीलदार दलबीर सिंह पर तो 4 फरवरी को कोर्ट में भ्रष्टाचार का दोषी साबित होने पर शिवाजी नगर थाना क्षेत्र में एफआईआर दर्ज की गई थी। फिलहाल इसके बारे में जिला उपायुक्त ने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। 



17 अगस्त तक नहीं होंगी रजिस्ट्रियां 
बता दें कि हरियाणा की तहसीलों में लाॅकडाउन के दौरान जमीनों की खरीद फरोख्त में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। सरकार ने मामला भ्रष्टाचार का होने पर 22 जुलाई को तुरंत प्रभाव से जमीनों की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने यह आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार 17 अगस्त तक जमीन खरीदने, बेचने व ट्रांसफर करने की रजिस्ट्रियां नहीं होंगी।

अवैध तरीके से की गई रजिस्ट्रियों को लेकर करवाई जाएगी जांच
वहीं इस बारे प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि अवैध तरीके से की गई रजिस्ट्रियों को लेकर जांच करवाई जाएगी। जो भी लोग इसमें संलिप्त होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि आॅनलाइन रजिस्ट्रियों में कहां पर चूक गई, इसको देखने के लिए सॉफ्टवेयर को अपडेट किया जा रहा है। इसलिए रजिस्ट्रियों में रोक भी लगाई गई है। 

खट्टर सरकार में ‘घोटाले पर घोटाले’ का अंबार लग गया है- सुरजेवाला
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला व मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार में ‘घोटाले पर घोटाले’ का अंबार लग गया है। नित नए उजागर हो रहे घोटालों ने खट्टर सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। खट्टर सरकार के 6 वर्षों में घोटालों की एक लंबी सूची है -धान खरीद घोटाला पार्ट 1, धान खरीद घोटाला पार्ट 2, अरावली लैंड यूज़ घोटाला, यमुना खनन घोटाला, ओवरलोडिंग घोटाला, रोडवेज़ किलोमीटर स्कीम घोटाला, HSSC भर्ती घोटाला, पेपरलीक घोटाला, HTET घोटाला, गीता जयंती घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, बिजली मीटर घोटाला, शराब घोटाला और अब रजिस्ट्री घोटाला।

उन्होंने कहा कि 21 जुलाई, 2020 को (संलग्नक A1) खट्टर सरकार ने एक चौंकानेवाला आदेश जारी कर पूरे हरियाणा में 26 दिन के लिए रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी। सार्वजनिक तौर से व समाचार पत्रों से यह उभर कर सामने आया है कि असल में यह रोक गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद, यानि दिल्ली NCR में हुए नजायज संपत्ति पंजीकरण की शिकायतों को लेकर आनन फानन में जारी किए गए हैं। आदेश में तो आईटी अपग्रेडेशन का हवाला दिया गया, पर लॉकडाऊन का फायदा उठा भूमाफिया द्वारा दिल्ली NCR की जमीन में अवैध कॉलोनियां काट रजिस्ट्रियां और कन्वेयंस डीड करवाने के नाजायज खेल व भारी अनियमितताओं को इसका असली कारण बताया जा रहा है। एक समाचार पत्र ने तो इस घोटाले का आंकलन 1,000 करोड़ रुपया किया है।

Edited By

vinod kumar