14 नाके 13 विभाग, फिर भी चल रहा ओवरलोड का खेल

4/2/2018 10:14:56 AM

यमुनानगर(ब्यूरो): जिले में ओवरलोड ट्रक-ट्रालियां शहर के लिए विकास नहीं बल्कि अभिशाप बनकर रह गए है। जिला पुलिस प्रशासन ओवरलोडिड वाहनों को सड़कों पर उतरने से रोकने में नाकाम रही है। इतना ही नहीं, इन वाहनों के कारण आए दिन कोई न कोई नागरिक दुर्घटना में अपनी जान गंवा रहा है। कहने को ओवरलोडिड रोकने के लिए 14 नाके 13 विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इसी प्रकार यातायात को सुचारू रखने के लिए पुलिस का यातायात विभाग है लेकिन न तो ओवरलोड रुक रहा है और न ही सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा है। ओवरलोड महज एक खेल बनकर रह गया है। इतना जरूर है कि जिन विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की नाकों पर ओवरलोड को रोकने के लिए ड्यूटियां लगाई गई हैं उन विभागों के काम जरूर प्रभावित हो रहे हैं जिससे आम जनता भी परेशान हो रही है। 

आखिर कैसे आए सड़कों पर ओवरलोडिड वाहन 
गत दिवस डी.सी. व एस.पी. द्वारा जब ओवरलोड की जांच की गई तो करीब 6 दर्जन से भी अधिक ओवरलोडिड वाहन उच्चाधिकारियों की टीम द्वारा पकड़े गए थे। अब सवाल यह उठता है कि जब कुछ ही देर की चैकिंग में जिले के आला अधिकारी इतनी संख्या में ट्रकों को ओवरलोड की स्थिति में पकड़ सकते हैं तो आए दिन यदि यही अधिकारी दिनभर सड़कों पर रहे तो कितने ट्रकों को ये अधिकारी दबोच लेंगे। आखिरकार इतनी संख्या में ओवरलोड ट्रक-ट्रालियां कैसे सड़कों पर आ जाती है स्वाभाविक रूप से यही जवाब होता है कि नोटों के पहिये लगाकर ट्रक- ट्रालियां कहीं से कहीं पहुंच रहे है।

आए दिन सड़कें हो रही खून से लाल 
सड़कों पर दुर्घटनाओं में हो रही मौतों का सीधा-सीधा जिम्मेदार प्रशासन को ही ठहराया जाना चाहिए।

कहां गए सी.सी.टी.वी. व ड्रोन
कुछ समय पहले जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया था कि ओवरलोड व यातायात व्यवस्था को लेकर सी.सी.टी.वी. व ड्रोन से नजर रखी जाएगी लेकिन न कहीं सी.सी.टी.वी. की नजर दिखाई दे रही है और न ही कहीं ड्रोन। चैक पोस्ट पर सी.सी.टी.वी. के साथ-साथ ड्रोन की भी सुविधा उपलब्ध रहने की बात कही गई थी। ताकि वाहन की चैकिंग, चालान, वजन आदि में कोई गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। 

Rakhi Yadav