अम्बाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र समेत 9 जिलों में बनाए 2-2 सेल काऊंटर
7/29/2019 9:04:08 AM
चंडीगढ़ (अर्चना सेठी): हरियाणा की उजाला (उन्नत ज्योति बाए अफोर्डेबल एल.ई.डी. फॉर आल) योजना से 16,36,887 टन प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन कम हो सका है। एल.इ.डी. बल्बों और ट्यूबलाइट के उपयोग के चलते 20,20,848 मैगावाट प्रति घंटा ऊर्जा की बचत भी हुई। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम,उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और एनर्जी एफिशियंसी सॢवसेज लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) की उजाला योजना तहत पहले फेज में 3 वर्ष दौरान 1,55,60,904 एल.ई.डी.बल्ब वितरित किए जा चुके हैं।
दूसरे फेज तहत अम्बाला, हिसार, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पंचकूला और यमुनानगर में बल्ब,ट्यूबलाइट व पंखे के लिए 2-2 काऊंटर बनाए हैं। पहले फेज में एक दिन में विभिन्न काऊंटर्स पर करीब 9000 बल्ब आदि बिक रहे थे, वहीं अब दिन में 250 से 300 बल्ब, ट्यूब ही उपभोक्ता खरीद रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार हरियाणा सरकार ने निजी की बजाय सरकारी एजैंसी नाकोफ को काऊंटर लगाने की जिम्मेदारी सौंपी है। पोस्टल डिपार्टमैंट भी बिक्री का काम संभाल रहा है।
पहले फेज में खूब बिके एल.ई.डी. बल्ब, ट्यूब
हरियाणा बिजली वितरण निगम के अधिकारी का कहना है कि पहले फेज में प्रदेश के विभिन्न जिलों में एल.ई.डी. बल्ब और ट्यूब खूब बिके थे जिसकी वजह से एक साल में 808 करोड़ की बचत हो सकी और 405 मैगावाट पीक डिमांड घट गई। अधिकारी का कहना है कि कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन घटने का सीधा लाभ पर्यावरण को मिलता है। कार्बन डाईआक्साइड का जितना उत्सर्जन होता है उतना हवा में विषैले पदार्थों की मात्रा में इजाफा होता है।
घट गया है कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन
एनर्जी एफिशियंसी सॢवसेज लिमिटेड (ई.ई.एस.एल.) के इंजीनियर टैक्नीकल रोहित सिसोदिया का कहना है कि 1.55 करोड़ से ज्यादा एल.ई.डी. बल्ब,एल.ई.डी. ट्यूब बिकी हैं। 20,20,848 मैगावाट प्रति घंटा ऊर्जा संरक्षण से बिजली वितरण विभाग को उत्पादन भी कम करना पड़ा है। भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा, नारनौल, रेवाड़ी, जींद, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल में भी जल्द काऊंटर खोल दिए जाएंगे। स्कीम तहत 9 वाट का एल.ई.डी.बल्ब 70, 20 वाट की एल.ई.डी. ट्यूब 220 और पंखा 1110 रुपए में दिया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य था कि ग्राहकों को बल्ब,ट्यूब और पंखे कम दाम पर मिल सकें।