अस्पतालों में पहुंचे 2 हजार मरीज, अस्थमा की दवाइयों की कमी के कारण मरीजों को झेलनी पड़ रही परेशानिया

10/31/2019 12:20:18 PM

फरीदाबाद (सुधीर राघव) : फरीदाबाद समेत आसपास की आबोहवा जहरीली होती जा रही है। जहां दिवाली पर शहर का एक्यूआई 248 से बढ़कर 471 पहुंचा गया है। वहीं बढ़ते प्रदूषण से सरकारी व निजी अस्पतालों में सांस व अस्थमा के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। पिछले पांच दिनों में बीके अस्पताल समेत शहर के निजी अस्पतालों में सांस के करीब 2000 हजार से अधिक मरीज आ चुके हैं।

यदि औसत निकाला जाए तो हर रोज सांस के करीब 400 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे है। बीके अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 100 से 150 मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें सांस व अस्थमा की शिकायत हैं। जबकि निजी अस्पतालों में भी चौकांने वाले आंकड़े सामने आ रहे हैं। लेकिन सरकारी अस्पातलों में सांस, एलर्जी व अस्थमा की दवाइयों की कमी चल रही है। जिससे मरीजों को सर्वाधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  

बीके अस्पताल के फिजीशिन व चेस्ट विशेषज्ञ डॉ. योगेश गुप्ता का कहना है कि आगामी तीन से चार दिनों तक अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगेगी और सांस, अस्थमा के अलावा अन्य प्रकार की चर्म रोग, फेफड़ों, आंखों से जुड़ी बीमारियां भी पनपने का खतरा बढ़ जाएगा। खासकर गर्भवतियों को ऐसे मौसम में ज्यादा परेशानी होने वाली है। मौजूदा हवा में सीओ-2 की मात्रा अधिक है।

यह ऑक्सीजन के साथ धुलकर श्वसन तंत्र में जा रहा है, इससे उनके गर्भ में पल रहे शिशु की परेशानी बढ़ेगी। उन्हें गर्भ से ही कई तरह की बीमारी हो सकती है। उधर मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर से वायुमंडल के उपरी सतह पर नम वाली हवा चल रही है। इससे आसमान में बादल छाए रहेंगे और हवा की रफ्तार भी कम हैं। इसलिए शहर में जलने वाले कूड़े और बारूद से बने पटाखे, पराली से निकलने वाला धुंआ और सड़क पर स्थित धूलकण हवा में घुला है।

इससे शहर में स्मॉग का चादर बिछी रहेगी। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगले सप्ताह में वीरवार से हवा में रफ्तार आ सकती है और बादल भी छटेंगे, इससे प्रदूषण स्तर में सुधार आ सकता है। मौसम में बदलाव के साथ प्रदूषण में हो रही बढ़ोत्तरी से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ भाड़ बढ़ गई है। 210 बेड के बीके अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग 2000 मरीज पहुंच रहे हैं।

इनमें से 100 से ज्यादा वारयल और 150 से 160 के आसपास सांस, दमा, एलर्जी आदि के  मरीज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। यहीं हाल ईएसआई अस्पताल का है। एनआईटी-3 स्थित 500 बेड के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के ओपीडी में रोजाना पहुंच रहे लगभग 3 हजार मरीजों में से 200 से ज्यादा सांस आदि बीमारी से ग्रसित पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों में भी इनकी तादाद बढ़ रही हैं।मरीजों को अस्थमा में मिलने वाली इनहेलर नहीं मिल रही है। इसके अलावा अन्य जरूरी दवाएं भी अस्पताल में नहीं है। 
 

Isha