रहस्यमयी बीमारी से बधौली में 20 पशुओं की मौत, 25 बीमार

3/19/2020 10:00:17 AM

नारायणगढ़ (धर्मवीर) : गांव बधौली में 9 दिनों में किसी रहस्यमयी बीमारी के कारण 20 पशुओं की मौत हो चुकी है। इससे ग्रामीण बेहद परेशान हैं। पशु चिकित्सक विभाग की टीम ने सैम्पल लेकर कर कार्रवाई शुरू की। ग्रामीणों ने डाक्टरों पर बीमारी समझ न आने के आरोप लगाए।जानकारी अनुसार गांव बधौली में 8 मार्च को देर शाम कुछ पशु पहले अंधापन महसूस करने पर इधर-उधर टकराने लगे। अगले दिन सुबह उनमें से 6 पशुओं की मौत हो गई। ग्रामीणों व सरपंच ने पशु चिकित्सा विभाग कुराली को सूचना दी।

वहां के डाक्टर ने पहुंच कर उन मरे व अन्य बीमार पशुओं की जांच की और उपचार किया। उन्होंने हिसार की एक टीम बुलाकर इसके सैम्पल भी करवाए लेकिन यह सिलसिला उसी दिन नहीं रूका। लगातार हर रोज 3-4 पशु मरने का सिलसिला चलता रहा। इसपर डाक्टरों ने ग्रामीणों को पशुओं की साफ सफाई व अन्य लक्षण से बचने के उपाय बताए। टीम हर रोज पशुओं का उपचार करती रही लेकिन बीमारी समझ नहीं आ रही थी। अभी भी 25 के करीब पशु बीमार है और बुधवार को भी एक कटड़ी व भैंस मरने पर ग्रामीणों ने विभाग के खिलाफ रोष प्रकट किया। 

ग्रामीण ओमपाल के 4 पशु, जोनी की एक कटड़ी व भैंस, पूर्व सरपंच हरपाल का एक भैंसा, एक गाय, एक भैंस, रिम्पी की गाय व भैंस, पप्पी की एक गाय, मनोज के कटडिय़ों सहित 4 पशु, सुखदेव के एक कटड़ी, चंदबीर की एक भैंस, सुरेंद्र का एक भैंसा सहित 20 पशु अब तक मर चुके हैं। चिकित्सा विभाग कुराली के इंचार्ज दीपक दहिया का कहना था कि हमें 8 मार्च को देर शाम सूचना मिली थी। 

जिसपर अगले दिन जांच करने पर वहां कमी पाई कि पशुओं में चिचड़ लगे हुए और जहां पशु था वहां पर साफ-सफाई नहीं थी। उस समय 25 पशु बीमार थे। उनका उपचार भी किया गया लेकिन जब अगले दिन पता चला कि पशु फिर भी मर रहे है। इसपर हमने लाला लाजपत राय युनिवॢसटी से टीम बुलाई, जिन्होंने मौके पर मरे पशुओं का सैम्पल आदि भी लिया लेकिन अभी वह रिपोर्ट नहीं आई। 

पहले पशु अंधा हो रहा फिर वह मर रहा है। अभी हमारी टीम हर रोज गांव में उपचार कर रही है। अभी बीमार पशुओं की संख्या 35 तक पहुंच गई है। पूर्व सरपंच राजबीर राणा सहित पीड़ित ग्रामीणों का कहना था कि अभी विभाग के डाक्टरों को बीमारी समझ नहीं आ रही है। लेकिन पशुओं के मरने का सिलसला हर रोज जारी है। हमें विभाग सिर्फ अश्वासन दे रहा है लेकिन उनके समझ न आने पर सही इलाज नहीं कर रहे। पशुओं के मुंह नहीं खुल रहे, अंधापन महसूस किया जा रहा है, पशु कुछ खा-पी नहीं रहे। वीरवार को बड़े अधिकारी से बात करके इस का समाधान करवाएंगे।  

Isha