23 साल बाद अम्बाला से भाजपा का सांसद बना मंत्री

5/31/2019 9:31:33 AM

अम्बाला(रीटा/सुमन): अम्बाला से 4 बार भाजपा के सांसद रहे सूरजभान 1996 में वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री बने थे। उसके बाद अब करीब 23 सालों के बाद अम्बाला के भाजपा सांसद रतन लाल कटारिया को केंद्र सरकार में मंत्री बनाने का मौका मिला है। वैसे अम्बाला से कांग्रेस की सांसद रहीं शैलजा भी केंद्र में मंत्री रह चुकी हैं। 2004 व 2009 के लोकसभा चुनाव में लगातार हार के बाद कटारिया ने अम्बाला नहीं छोड़ा और लोगों के बीच डटे रहे। अपने लंबे राजनीतिक अनुभव व बेदाग छवि की वजह से पार्टी ने उन्हें 5वीं बार अम्बाला से टिकट दिया था।

कटारिया बाल स्वयंसेवक होने के नाते संघ से जुड़े रहे। 1980 में भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष बनकर उन्होंने राज्य स्तर पर सक्रिय राजनीति की शुरूआत की। वह हरियाणा सरकार में राज्यमंत्री रहने के अलावा हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष भी रहे। वह भाजपा के अखिल भारतीय अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय सचिव व भाजपा के राष्ट्रीय सचिव भी रहे। 2 साल वह हरियाणा हाऊसिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रहे। करीब 5 दशक तक वह पार्टी के लिए कई मोर्चों पर पूरी मेहनत से काम करते रहे जिसका ईनाम उन्हें आज दिल्ली की कुर्सी के रूप में मिला मिला है।

कटारिया 3 बार 1999, 2014 व 2019 में अम्बाला से सांसद बने। पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा को उन्होंने 2 बार करीब 3.5 लाख वोटों से हराया। एम.ए. एलएल.बी. कटारिया अपनी सादगी के चलते हमेशा चर्चित रहे। 2019 में उनकी जीत को लेकर कई तरह की अटकलें चलीं लेकिन मोदी लहर और किस्मत दोनों ने उनका साथ दिया। 

स्वास्थ्य मंत्री से दूरियां हुईं कम 
2014 के बाद छोटी-मोटी बातों को लेकर उनकी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से कुछ दूरियां बन गई थीं लेकिन 2019 के चुनावों में उन्होंने खुद आगे बढ़कर उन्हें काफी हद तक पाट दिया। भले ही कुछ विधानसभा क्षेत्रों से उन्हें भारी जीत मिली हो लेकिन उन्हें सांसद बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अम्बाला छावनी के विधायक अनिल विज व अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल की रही,जिन्होंने पूरे लोकसभा क्षेत्र में उनके पक्ष में जीत का माहौल बनाया। दरअसल,कटारिया का सारा चुनाव प्रबंध अम्बाला शहर भाजपा ने संभाला हुआ था।

5.43 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति
68 वर्षीय कटारिया के पास पंचकूला में अपने एक मकान सहित कुल 5.43 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। 2014 में लोकसभा सत्र की 98 फीसदी बहसों में उन्होंने भाग लिया। भारतीय प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की सभा में वह सम्मलित हुए। उनकी पत्नी बंतो कटारिया भी राजनीति में पूरी तरह सक्रीय हैं। वह आजकल गेल इंडिया लिमिटेड की स्वतंत्र निदेशक हैं और भाजपा के हर कार्यक्रम में मौजूद रहती हैं।

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