अमरनाथ गुफा में फंसे हरियाणा के 25 यात्री, वीडियो जारी कर बताया -पुलिस कर रही बर्बरता

8/6/2019 7:10:09 PM

करनाल: जम्मू-कश्मीर में जारी हुए अलर्ट के बाद से करनाल के 25 यात्री अमरनाथ गुफा पर फंस गए है जिन्हें गुफा से बालटाल आने के लिए कोई भी साधन नहीं मिल रहा। वहां पर पुलिस उन पर बर्बरता पूर्ण व्यवहार कर रही है। इन यात्रियो ने  वीडियो वायरल कर बताया कि श्री अमरनाथ सेवा मंडल करनाल के ये सभी सेवादार वहां भंडारा लगाने के लिए गए हुए थे।

अमरनाथ पवित्र गुफा पर भंडारा लगाने के लिए करनाल से श्री अमरनाथ सेवा मंडल का दल 23 जून को वहां पहुंचा था। और 15 अगस्त तक यात्रा चलने तक भंडारा लगाया जाना था। कुछ सदस्य शुरुआत में भंडारा लगाने के बाद वापस आ गए थे, जबकि 25 लोगों को आगामी दिनों तक भंडारा लगाने के लिए वहीं रुकना था, लेकिन जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव की एडवाइजरी जारी होने के बाद इन्हें भी वापस जाने के लिए तीन दिन का समय दिया गया था। 

3 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को एडवाइजरी जारी कर उन्हें तुरंत घाटी छोड़ने की सलाह दी थी। तब से वे वहां फंसे हुए हैं। जारी हुए अलर्ट के बाद मंडल के सदस्य पंडित प्रदीप कुमार ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर वहां के हालात बयान किए। जिसमें उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा भी उन पर बर्बरता की जा रही है। गुफा से बालटाल जाने के लिए घोड़े भी नहीं मिल रहे हैं। इधर, करनाल पहुंचे श्रीअमरनाथ सेवा मंडल करनाल के प्रधान विजय सिंगला ने दावा किया है कि हमारे मंडल के 25 सदस्य अमरनाथ गुफा में फंसे हैं। उन्हें सुरक्षित बताया जा रहा है पर अब उनके साथ संपर्क नहीं हो रहा।   

क्या कहा गया वायरल वीडियो में
मैं पंडित प्रदीप कुमार, सदस्य श्री अमरनाथ सेवा मंडल करनाल। इस समय हम पवित्र गुफा पर हैं। आपको बता रहा हूं कि किस प्रकार से कल शाम (तीन अगस्त) को एकदम से अलर्ट कर दिया गया कि सभी भंडारे खाली किए जाएं। और इस समय आप वीडियो में देख सकते हैं कि सामने गुफा बनी है और हमारा सामान सड़क पर बिखरा पड़ा है। 
घोड़े नीचे से आ नहीं रहे और पुलिस जबरदस्ती हमें नीचे उतरने के लिए बोल रही है। पुलिस ने हमारे साथ बर्बरता की। यात्रियों को जबरदस्ती मारकर नीचे उतरा। कल लंगर वालों को अलर्ट कर दिया गया कि आप जल्द से जल्द नीचे उतरें, अभी घोड़े नहीं आ रहे हैं और हमारा सामान भी बिखरा पड़ा है। शंकर भगवान की जय..। 

Isha