26 को तय होगी प्रदेश की राजनीति की दिशा, सैनी जींद में तो जाट जसिया में तोलेगी ताकत

11/20/2017 5:10:03 PM

जींद(मलिक):26 नवम्बर को प्रदेश की राजनीति की नई दिशा तय होगी। नई राजनीतिक दिशा को तय करने का काम इस बार प्रदेश का कोई प्रमुख राजनीतिक दल नहीं करने जा रहा। यह काम कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी और यशपाल मलिक के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति करने जा रही है। 26 नवम्बर को तय होगा कि प्रदेश का आने वाले समय का राजनीतिक माहौल किस तरह का रहेगा। इन दोनों रैलियों पर सत्तारूढ़ दल भाजपा से लेकर विरोधी दलों और सरकार की पैनी नजर लगी हुई है।

कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी 26 नवम्बर को जींद में हरियाणा बचाओ रैली करने जा रहे हैं। सांसद राजकुमार सैनी अब अपनी जींद रैली को लेकर बेहद सावधानी राजनीतिक रूप से बरत रहे हैं। अगर रैली में ज्यादा भीड़ सैनी और उनके समर्थक जुटा लेते हैं तो फिर इससे सत्तारूढ़ दल भाजपा को अपने इस सांसद को लेकर नई रणनीति बनानी पड़ेगी। भाजपा को फिर तय करना होगा कि वह अपने इस सांसद के बढ़ते व्यक्तिगत राजनीतिक प्रभाव को किस तरह से काबू करे।

जसिया के जाट महाकुम्भ पर सभी की नजरें
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने 26 नवम्बर को ही रोहतक के जसिया में जाट महाकुंभ का आयोजन किया है। इस आयोजन में उन्होंने सभी दलों के जाट नेताओं को आमंत्रित किया है। इन नेताओं में से कौन महाकुंभ में मंच सांझा करता है, इस पर सभी की नजरें रहेंगी। पूर्व सी.एम. भूपेंद्र हुड्डा ने इस आयोजन से दूरी बनाने के संकेत दिए हैं। दरअसल ऐसा कोई भी बड़ा नेता इस महाकुम्भ में जाने से बचने का पूरा प्रयास करेगा, जो खुद को प्रदेश के सी.एम. की दौड़ में शामिल मानता है। मलिक की प्रदेश के जाट समुदाय पर पकड़ पहले जितनी मजबूत है या उनकी पकड़ कम हुई है, इसे जसिया रैली में जुटने वाली भीड़ तय करेगी। भीड़ के लिहाज से रैली सफल रही तो इसके मंच से मलिक बड़े आंदोलन की घोषणा से परहेज नहीं करेंगे। ऐसा हुआ तो जसिया रैली से प्रदेश का राजनीतिक माहौल ठंड में भी गर्मा जाएगा। सरकार से लेकर दूसरे सभी लोगों की नजरें जसिया रैली पर हैं।