नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए ठगने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार, भर्ती करवाने के लेते थे 4 लाख रुपए

4/1/2022 8:29:30 AM

करनाल : थाना सिविल लाइन की टीम द्वारा बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन में नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों के साथ लाखों रूपए की ठगी करने वाले 3 आरपियों को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता प्रभजोत सिंह बसंत विहार करनाल ने थाना सिविल लाइन में दी शिकायत में बताया कि वह व उसका एक दोस्त प्रदीप की मुलाकात आकाश धीमान वासी जनकपुरी मुजफ्फर नगर से हुई थी। जिसने उनकी मुलाकात आरोपी विवेक तरार से करवाई और बताया कि विवेक बोर्डर रोड ऑग्रेनाइजेशन में लैफ्टीनेंट कमांडो है।

विवेक तरार ने उसने कहा कि अगर किसी को बी.आर.ओ. में भर्ती करवाना है, तो मुझसे सम्पर्क कर लेना और तुम दोनों को तो मैं सुपरवाइजर लगवा दूंगा। जिसके बाद विवेक ने उन्हें बताया कि एक व्यक्ति की नौकरी लगवाने का 4 लाख रुपए खर्चा आएगा। जिसके बाद शिकायतकर्ता उनकी बातों में आ गए और अपनी जानकारी में करीब 20 बच्चों को नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए आरोपियों को दे दिए। रुपए लेने के बाद आरोपियों ने उन्हें फर्जी ज्वाइनिंग लैटर दे दिए और ऋषिकेश प्राइवेट कैम्प में बकायदा उनकी कुछ दिनों की ट्रेनिंग भी करवाई गई। 

इसके बाद शिकायतकत्र्ताओं को विश्वास हो गया कि यह असली में नौकरी लगवाता है। उन्होंने भी अपने आप को सुपरवाइजर लगने के लिए 4-4 लाख रुपए दे दिए। कुछ दिनों बाद इन लोगों को पता चला कि विवेक व उसके साथी फर्जी आदमी हैं। जो लोगों के साथ नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करते हैं। इस संबंध में आरोपी विवेक, रवि व अन्य आरोपियों के खिलाफ थाना सिविल लाइन करनाल में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी आई.पी.सी. के तहत मामला दर्ज किया गया। 

27 मार्च को 2 आरोपियों विवेक तरार वासी शामली व रवि कुमार वासी बागपत उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड से गिरफ्तार करके लाया गया। आरोपियों को पेश अदालत करके 5 दिन के रिमांड पर लिया गया। दौराने रिमांड आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के नाम का खुलासा किया गया जिसमें एक आरोपी दिवेश कुमार पुत्र ऋ षिपाल वासी बहादुरपुर जिला हरिद्वार उत्तराखंड का नाम भी शामिल है। आरोपी दिवेश कुमार को भी उत्तराखंड के ज्वालापुर से गिरफ्तार किया गया। आरोपियों के कब्जे से आर्मी की एक वर्दी, दो वॉकी-टॉकी सैट, एक लैपटॉप, एक प्रिंटर, 3.5 लाख रुपए की नकदी बरामद की गई।

रिमांड दौरान आरोपियों से पूछताछ व अन्य विश्वसनीय साक्ष्यों के आधार पर जांच में खुलासा हुआ कि एक आरोपी आकाश नौकरी लगने के इच्छुक लोगों को इन आरोपियों से मिलवाता था और उसके बदले आरोपी अपना कमीशन लेता था। आरोपी विवेक व रवि दोनों रुपए का लेन-देन करते थे। आरोपी विवेक  हमेशा लैफ्टीनैंट की वर्दी में होता था और उसकी गाड़ी पर भारत सरकार लिखा होता था। रुपए लेने के बाद नौकरी लगने वाले लोगों को फर्जी ज्वाइनिंग लैटर दे देते थे। आरोपियों ने ऋ षिकेश में एक प्राइवेट कैंप किराए पर ले रखा था। जहां पर आरोपियों के अन्य साथी नौकरी लगने वाले लोगों को ट्रेनिंग करवाते थे और ज्वाइनिंग के लिए समय दे देते थे। 

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Content Writer

Manisha rana