हाल-ए-सिविल अस्पताल: 24 घंटे में 3 मौतें, डॉक्टरों पर आरोप, फिर हंगामा

7/24/2018 11:18:22 AM

गुडग़ांव (संजय): जिला स्वास्थ्य विभाग भले ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं व पक्के इलाज का दावा कर रहो हो लेकिन यहां की माली हालात कुछ और ही बयां कर रहे है। अस्पताल में पिछले 24 घंटों के दौरान 2 महिलाएं व एक बच्ची ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया जिससे अस्पताल की मौजूदा हालात को लेकर सवाल उठने लगे है। ज्ञात हो कि हाल में ही अपने दौरे के दौरान स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खुद ही अस्पताल की सुविधाओं में इजाफा करने व मरीजों के साथ बरती जाने वाली किसी भी तरह की लापरवाही बर्दास्त न करने की बातें कही थी। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा भी जिले में कई कार्यक्रमों के दौरान बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने व मरीजों को समुचित इलाज प्रदान किए जाने संबंधी वक्तव्य अपने भाषणों में कर चुके है।

केस नंबर-1
पहला मामला रविवार देर रात का है। जहां राजस्थान के अलवर निवासी की मिर्गी के इलाज के दौरान इंजेक्शन लगने के करीब आधे घंटे बाद मौत हो गई। मरीज की मौत के बाद परिजनों ने हॉस्पिटल परिसर मेंं हंगामा किया। करीब 15 मिनट के हंगामें के बाद पुलिस को बीच बचाव में आना पड़ा। परिजनों का आरोप है कि गलत इंजेक्शन देने से मरीज की मौत हुई है। पुलिस ने परिजनों की शिकायत दर्ज कर ली है। राजस्थान अलवर निवासी गोविंद (30) जो कि मिर्गी की बीमारी से पीड़ित था। मरीज को स्टेबल करने के लिए डॉक्टर अरूण कुमार ने मरीज को इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन के करीब आधे घंटे बाद उसकी मौत हो गई। वहीं पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर दीपक माथुर ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह मिर्गी बताई गई। परंतु परिजनों के आरोप के अनुसार बिसरा सैंपल और जो इंजेक्शन मरीज को लगाया गया था उसे जांच के लिए मधुबन लैब में भेज दिया गया है।

केस नंबर-2
दूसरा मामला सोमवार सुबह 7 बजे का है जब यूपी के जिला कानपुर निवासी अनिल कुमार पत्नी कस्तूरी देवी 30 को सुबह पेट में अधिक दर्द होने के बिना एंबुलेंस आटो से सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला के पति अनिल कुमार ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ नाथूपुर गांव में रहते हैं। डीएलएफ के एक साइट पर मजदूरी का काम करते है। उन्होने बताया कि मृतक महिला के 2 बेटे व एक बेटी है। हालांकि उन्होने अपनी पत्नी की मौत पर किसी भी तरह की कोई शिकायत या आरोप नही लगाया है।

केस नंबर-3
सुबह तकरीबन 11 बजे आपातकालिन वार्ड में इलाज के लिए पहुंचाई गई एक बच्ची की मौत हो गई। बताया गया है कि बच्ची की मौत रास्ते में ही हो गई थी। परिजनों के मुताबिक उसे बच्ची बीती रात से काफी गंभीर थी लेकिन जब उसकी हालत बिगडऩे लगी तो उसे अस्पताल इर्मेजेंसी वाड्र में लाया गया। जहां उसकी जांच करने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वही ड्यिूटी पर तैनात डाक्टर में नबताया कि बच्ची की मौत रास्ते में ही हो गई थी।

डा. गुलशन अरोड़ा, सीएमओ गुडग़ांव
 ‘‘अस्पताल आने वाले सभी मरीजों का पूरी गंभीरता से इलाज किया जाता है। इलाज के दौरान किसी तरह के लापरवाही संबंधी कोई आरोप होंगे तो उसकी जांच की जाएगी। कई बार गंभीर मरीजों को अस्पताल देरी से पहुंचाने पर भी मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है।’’ 

रोहतास, एसआई थाना सिविल लाइन
‘‘परिजनों की शिकायत दर्ज कर बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।’’

 दीपक माथुर, फोरेंसिक एक्सपर्ट, सिविल अस्पताल
‘‘पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह मिर्गी बताई गई। परंतु परिजनों के आरोप के अनुसार बिसरा सैंपल और जो इंजेक्शन मरीज को लगाया गया था उसे जांच के लिए मधुबन लैब में भेज दिया गया है।’’

Deepak Paul