रोजाना 300 टन कूड़े की छंटाई का काम शुरू

11/26/2019 5:03:07 PM

फरीदाबाद (दीपक पांडेय): कूड़े का पहाड़ बन चुके बंधवाड़ी प्लांट में रोजाना 300 टन कूड़े की छटाई का काम शुरू हो चुका है। ताकि इसका प्रयोग बिजली बनाने में किया जा सके। कूड़े की छटाई का काम ट्रोमल मशीन से किया जा रहा है। चीफ सेकेट्री केशनी आनंद अरोड़ा के आदेश पर नगर आयुक्त फरीदाबाद और गुडग़ांव के अधिकारियों की इको ग्रीन कंपनी प्रबंधन के साथ हरियाणा भवन में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता शहरी स्थानीय निकाय के एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी आनंद मोहन शरण ने की।

बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया कि कंपनी मार्च 2020 से पॉवर प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू करेगी। 18 महीने में उक्त प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। इसके पहले कंपनी को खाली जगह देनी होगी जहां दोनों शहरों से रोजाना निकलने वाले कूड़ों को डंप किया जा सके। कंपनी प्रबंधन ने बैठक में बताया कि बंधवाड़ी में जमा कूड़े के ढेर की छंटाई के लिए दो ट्रोमल मशीन लगा दी गई है। ट्रोमल मशीन के जरिए पॉलिथीन, कपड़े आदि को अलग अलग किया जा रहा है। इसे बाद में ग_र बनाकर रख दिया जाएगा। पॉवर प्लांट लगने के बाद इन्हीं से बिजली बनाने का काम किया जाएगा। प्लांट बंद होने के कारण गुडग़ांव और फरीदाबाद का कूड़ा बंधवाड़ी प्लांट के खाली पड़े जमीन पर बिना ट्रीट किए ही फेंका जा रहा है।

पिछले 6 साल से कूड़े एकत्र होने के कारण वहां पहाड़ बन गया है। निगम अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में बंधवाड़ी प्लांट में करीब 25 लाख टन से अधिक कूड़ा जमा हो चुका है। इस जमा कूड़े की छंटाई करना भी एक बड़ी चुनौती है।70 करोड़ की लागत से बनाया गया था कूड़ा निस्तारण संयंत्र नगर निगम ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत बंधवाड़ी में करीब 70 करोड़ की लागत से वर्ष 2008 बंधवाड़ी गांव में कचरा निस्तारण संयंत्र बनाया था। वर्ष 2010 में इस प्लांट को चालू कर दिया गया।

मशीनों की सहायता से इस प्लांट में प्रतिदिन फरीदाबाद और गुडग़ांव का करीब  600 से लेकर 700 टन कूड़ा ट्रीट किया जाता था। लेकिन अक्टूबर 2013 में प्लांट में आग लगने के कारण प्लांट बंद हो गया। क्योंकि आग लगने से मशीनें खराब हो गई। कूड़े से बिजली बनाने के लिए पॉवर प्लांट का शिलान्यास 13 अप्रैल 2018 को प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल कर चुके हैं। अगस्त 2019 तक इस प्लांट को बनकर तैयार हो जाना था। लेकिन अभी तक प्लांट बनकर तैयार हुआ और न ही कचरे का निस्तारण शुरू हो पाया।  

Isha