बिजली निगम में 308 करोड़ का घोटाला

12/7/2019 10:21:21 AM

चंडीगढ़ (धरणी)- बिजली निगम के उच्चाधिकारियों पर अब जी.पी.एस. इंडेक्सिंग के नाम पर 308 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगा है। हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मुख्यमंत्री एवं ऊर्जा मंत्री को भेजकर आरोपी अधिकारियों के खिलाफ न्यायिक जांच की मांग की है। हालांकि आरोपी अधिकारी का दावा है कि भारत सरकार ने काम 100 प्रतिशत सही किया है। यह मामला ऊर्जा मंत्री के भी संज्ञान में है। एसोसिएशन ने सी.एम. और ऊर्जा मंत्री को भेजी शिकायत में जिक्र किया कि बिजली निगम ने प्रदेश के लाइन लॉस को रोकने हेतु जी.पी.एस. इंडेक्सिंग डिफरेंशियल का काम जून 2018 में एच.सी.एल. कंपनी को 260 करोड़ रुपए में दिया था। दिसंबर 2018 में पूरी पेमैंट रिलीज कर दी गई।


आरोप है कि काम पूरा न होने के बावजूद निगम सी.टी.ओ. संदीप कपूर ने गलत तरीके से काम पूरा होने की रिपोर्ट बनाई,हस्ताक्षर किए व ठेका कंपनी को पेमैंट रिलीज करवा दी। इसके अलावा नियमों का उल्लंघन कर एकमात्र कोटेशन पर और बिना ई-टेंडरिंग के माइक्रोटेक कंपनी को जून 2018 में 48 करोड़ रुपए का ए.एम.सी. टैंडर दे दिया। उसके बाद 110 करोड़ की बैंक गारंटी भी रिलीज करवा दी। नियमानुसार 2 लाख रुपए से ज्यादा किसी भी टैंडर के लिए ई-टेंडरिंग प्रक्रिया अनिवार्य है। 

इस संबंध में निगम के सी.एम.डी. से संपर्क करने की कोशिश की गई,लेकिन उनका फोन नहीं उठा। जी.पी.एस. इंडेक्सिंग बिजली चोरी व लाइन लॉस को रोकने हेतु अब तक मैनुअल इंडेक्सिंग होती थी,जिसके तहत बीते एक साल में करीब एक लाख बिजली चोरी व लॉइन लॉस के केस भी दर्ज किए गए,बावजूद इसके लॉइन लॉस या बिजली चोरी नहीं रुकी। असल जगह पर हो रही चोरी व लॉस को ढूंढने हेतु जी.पी.एस. तकनीक से इंडेक्सिंग की जानी थी। जिससे हर बिजली के पोल,ट्रांसफार्मर या बिजली मीटर पर चल रहे लाइन लॉस या बिजली चोरी का पता लगाया जा सके।    

Isha