हरियाणा में जजों के 39.6 फीसदी पद खाली, कोर्ट में लंबित हैं 14.58 लाख केस

2/11/2023 3:40:30 PM

हरियाणा(स्पेशल डेस्क) : हरियाणा में 14.58 लाख केस लंबित पड़े हैं। इतने केस लंबित होने के बावजूद प्रदेश के जिला और अधीनस्थ अदालतों में सबसे अधिक 308 जजों के पद खाली पड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट तय समय पर जजों की नियुक्ति को लेकर गंभीर दिखती है और नियुक्ति की प्रक्रिया पर नजर भी बनाए रखती है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों के पद खाली पड़े हैं। बता दें कि हरियाणा में जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों के 778 पद स्वीकृत हैं। यह देश में सबसे अधिक रिक्तियों का अनुपात है जो 39.6% बनता है।  

 


पंजाब में 22.2 फीसदी और हिमाचल में खाली हैं 16 पद

जजों के खाली पड़े पदों के मामले में पंजाब भी हरियाणा से ज्यादा पीछे नहीं है। यहां की जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों के 22.2 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। वहीं, लंबित केस की बात करे तो पंजाब में 9.23 लाख केस पेंडिंग हैं। बता दें कि पंजाब में जजों के 797 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 208 पद रिक्त पड़े हैं। हिमाचल में 4.76 लाख केस लंबित हैं और न्यायिक अधिकारियों के 16 पद खाली पड़े हैं। हालांकि चंडीगढ़ की स्थिति की बात करे तो यहां 79526 केस लंबित हैं और न्यायिक अधिकारी के सभी पद भरे हुए हैं।

 


सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति का समय किया निर्धारित

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक व्यवस्था पर लंबित केसों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए और न्याय व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के लिए वर्ष 2007 में एक ठोस  कदम उठाया था। मलिक मझर सुल्तान केस में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक अधिकारियों की भर्ती के लिए न्यायिक आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक, अधीनस्थ अदालतों में जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया हर साल 31 मार्च से शुरू होगी और उसी साल 13 अक्टूबर तक समाप्त होगी।  

 


देश में 4.32 करोड़ केस है पेंडिंग

यह जानकारी केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू गुरुवार को राज्यसभा में दी। उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2022 तक देश की जिला और अधीनस्थ अदालतों में जजों के 5764 पद रिक्त पड़े हैं। इन सभी अदालतों में 4.32 करोड़ से ज्यादा केस लंबित पड़े हैं। खाली पड़े इन पदों को भरने की प्रक्रिया में भारत सरकार की कोई सीधी भूमिका नहीं है। इसकी जिम्मेदारी हाईकोर्ट और राज्य सरकार की है।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan