4 मनरेगा महिला मजदूरों की संदिग्ध मौत, मौत के बाद जागा स्वास्थ्य विभाग, गांव पहुंची टीम (VIDEO)

9/20/2019 7:59:53 PM

कैथल(सुखविंद्र): कैथल-पिहोवा के बीच गुमथला नहर पर काम करते हुए बीमार हुए 4 मनरेगा महिला मजदूरों की अज्ञात कारणों से मौत हो गई है। वहीं 30 से अधिक मजदूर बीमार हो गए हैं। इनका विभिन्न निजी अस्पतालों में ईलाज चल रहा है। मरने वालों में चारों महिलाएं हैं। 2 महिलाएं गांव क्योड़क की हैं और 2 महिलाएं गांव दयौरा की हैं। दोनों ही गांवों के 30 से अधिक मनरेगा मजदूर बीमार बताए जा रहे हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में ईलाज चल रहा है। 



गांव क्योड़क मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा गोद लिया हुआ है। 4 मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी या कर्मचारी बीमार लोगों के पास पहुंचे और उनके खून के सैंपल लेने शुरू किए हैं। वहीं अब तक बीमार मजदूर स्वयं अपने खर्च पर अपना ईलाज करवा रहे हैं। अच्छा ईलाज न होने के अभाव में 4 मनरेगा मजदूरों की मौत हो चुकी है।



बीमार मजदूरों ने बताया कि उन्होंने 21 अगस्त से 5 सितंबर तक गुमथला नहर पर मनरेगा के तहत काम किया था। इस दौरान एक दिन काम करते हुए सभी मजदूरों को उल्टी-दस्त लग गए। कुछ मजदूर झोलाछाप डॉक्टरों से दवाई लेकर घर पर ही आराम करते रहे, लेकिन तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर परिजन उन्हें शहर के निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने जवाब दे दिया।



 इसके बाद परिजन उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ ले गए, जहां उनकी 4 दिन पहले मौत हो गई। मरने वालों में माया देवी पत्नी बीरा राम व संतोष देवी पत्नी अजमेर निवासी गांव क्योड़क, बोहती देवी व शकुंतला निवासी गांव दयौरा है। इसके अलावा 30 से अधिक मजदूर बीमार हैं। घटना के बाद मनरेगा मजदूर यूनियन के विभिन्न सदस्यों ने मृतकों के घर एवं उस नहर पर पहुंचे, जहां उन्होंने काम किया था। यूनियन की तरफ से मांग की गई है कि सरकार मृतक मजदूरों के परिजनों को 20 लाख रुपए प्रत्येक को मुआवजा दे। घायलों का फ्री ईलाज एवं मुआवजा दे।

Shivam