NCRB के आंकड़ों में खुलासा, हरियाणा में हर दिन औसतन हो रहे है 4 बलात्कार और 3 हत्याएं

9/30/2020 1:07:06 PM

चंडीगढ़(चंद्र शेखर धरणी): राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा बीते दिन जारी  भारत में अपराध (क्राइम इन इंडिया )-2019 नामक  वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार गत  वर्ष  देश में आई.पी.सी. (भारतीय दंड संहिता ) के अंतर्गत कुल 32 लाख 25 हज़ार 701 अपराध  हुए जबकि इससे पिछले वर्ष 2018 में यह संख्या 31 लाख 32 हज़ार 955 थी, जहाँ तक विशेष और स्थानीय कानूनो (स्पेशल एवं लोकल लॉज़-एस.एल.एल. ) के अंतर्गत अपराधों  का विषय है। वर्ष 2019 में इसके तहत 19 लाख 30 हज़ार 471 अपराध हुए जबकि वर्ष 2018 में यह 19 लाख 41 हज़ार 680 थे. इस प्रकार देश में वर्ष 2019 में कुल 51 लाख 56 हज़ार 172 कॉग्निजेबल (संज्ञेय) आपराधिक मामले दर्ज हुए जबकि 2018 में यह आंकड़ा 50 लाख 74 हज़ार 635 था। अत: एक वर्ष में इस संख्या में 1 .6 % की वृद्धि हुई है. गत वर्ष कुल दर्ज अपराधों में 62 .6 % आई.पी.सी. में   जबकि शेष 37 .4 % एस.एल.एल में थे। देश में कुल 51 लाख 56 हज़ार 172 प्राथमिकियां (ऍफ़.आई.आर.) दर्ज की गयीं।

जहाँ तक हरियाणा  का विषय है, तो वर्ष 2019 में प्रदेश में कुल 1 लाख 66 हज़ार 336 अपराध  दर्ज हुए जिंसमे से 1 लाख 11 हज़ार 323 आई.पी.सी में एवं 55 हज़ार 13 विशेष और स्थानीय कानूनो  (एस.एल.एल) में थे। वर्ष 2018 में हरियाणा  में कुल अपराधों का आंकड़ा 1 लाख 91 हज़ार 229 थी जबकि वर्ष 2017 में यह आंकड़ा 2 लाख 24 हज़ार 816 था. इस प्रकार प्रदेश के कुल अपराध  एक वर्ष में 24893 घटे हैं  जबकि बीते दो वर्षो में इनमें 58 हज़ार 480 की कमी आई हैं।

 हरियाणा में बीते दो वर्षो में आई.पी.सी. के अंतर्गत दर्ज अपराध बढ़े हैं। वर्ष 2017 में यह 97 हज़ार 924 थे जबकि 2018 में यह बढ़कर 1 लाख 8 हज़ार 212 हो गए जबकि गत वर्ष 2019 में यह और बढ़कर 1 लाख 11 हज़ार 223 हो गए. वहीं दूसरी और  विशेष और स्थानीय कानूनो  (एस.एल.एल)  के अंतर्गत 2017 में 1 लाख 26 हज़ार 892 थे जो 2018 में घटकर 83 हज़ार 17 हो गए एवं बीते वर्ष 2019 में 55 हज़ार 17 हो गए। हेमंत ने बताया कि एस.एल.एल. में दहेज़ प्रतिषेध अधिनियम, 1961 , अनैतिक व्यापार (निवारण ) अधिनियम, 1956 (वेश्यावृति कानून ), पोक्सो एक्ट, 2012 , घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 , आईटी एक्ट, 2000 आदि विशेष कानून शामिल हैं। बहरहाल, जहाँ तक हत्या (मर्डर ) के अपराध का विषय है अर्थात जो कि धारा 302 आई.पी.सी. में आता है , तो वर्ष 2019 में देश में कुल 28 हज़ार 918 मामले दर्ज हुए हालांकि इसमें 29 हज़ार 928 लोगो की जान गई। इनमें से  हरियाणा राज्य में 1137 हत्या के अपराध हुए जिनमे 1178 लोगो के अपनी जान गंवाई। इस प्रकार हरियाणा में गत वर्ष 2019 में  प्रतिदिन औसतन 3 व्यक्तियों  की हत्या हुई।

वहीं बलात्कार (रेप) के  अपराध (धारा 376 आई.पी.सी ) के अंतर्गत गत वर्ष देश में कुल 32033 अपराध हुए जिनमे कुल पीड़ित 32260 थे जिनमें से  हरियाणा में बलात्कार के 1480 मामले दर्ज हुए जिसका अर्थ है कि प्रदेश में बीते वर्ष प्रतिदिन 4 बलात्कार हुए।  लिखने योग्य है कि  बलात्कार के अपराध  में हरियाणा देश के सभी राज्यों और यूटी में सातवें नंबर पर रहा एवं  इससे  ऊपर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और असम राज्य  रहे।

 एडवोकेट हेमन्त ने कहा कि  जहाँ तक  वर्ष 2019 में  देश में हत्या  के मामलो में पुलिस द्वारा अन्वेषण (जांच ) करने और अदालतों द्वारा लंबित केसों का  निपटारा करने का विषय है, तो कुल 48 हज़ार 553 केसो में पुलिस द्वारा जांच की गई जिनमे से 85 % केसो में आरोपपत्र (चार्ज शीट ) दाखिल हुई. 2 लाख 24 हज़ार 747 केसो में ट्रायल हुआ एवं 6961  अभियुक्तों को दोषी घोषित  किया गया. इस प्रकार हत्या के अपराधों में सजा दर  करीब 42 % रही. वहीं बलात्कार के अपराध के कुल 45 हज़ार 536 केसो की पुलिस जांच हुई एवं 81 .5 % केसो में चार्जशीट दायर की गई।1 लाख 62 हज़ार 741 केसो का कोर्ट में ट्रायल हुआ एवं 4640 अभियुक्त   दोषी साबित हुए. इस प्रकार बलात्कार के अपराधों में सजा दर 27 .8  % रही, हालांकि एक्साइज (आबकारी ) कानून और एनडीपीएस (ड्रग्स-नशे) कानून में सजा दर क्रमश: 87 और 77 प्रतिशत रही।

 

 

Isha