4 वर्षों बाद हरियाणा में अब सिरे चढ़ेगा ‘हकोका’ कानून

7/27/2019 12:53:14 PM

चंडीगढ़ (पांडेय) : हरियाणा में संगठित अपराधियों व ड्रग्स माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए भले ही अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उत्तरी राज्यों की बैठक में 'हकोका' कानून को जल्द अमल में लाने की बात कही है लेकिन इस कानून को सिरे चढ़ाने में करीब 4 वर्ष का वक्त लग गया है। सूत्रों की मानें तो वर्ष 2015 में पहली बार मुख्यमंत्री ने ऐसा कानून बनाने की पहल की थी,जिसकी फाइल अब तक गृह विभाग में अटकी रही।

हरियाणा में इस बीच 3 पुलिस महानिदेशक और 3 गृह सचिव बदले, लेकिन हकोका कानून अस्तित्व में नहीं आया। अब सरकार ने पुराने पेंच में आंशिक संशोधन कर इसे लागू करने का फैसला किया है। इसके चलते विधानसभा के मानसून सत्र में बिल लाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब 4 वर्ष पहले गुरुग्राम के एक कार्यक्रम में हरियाणा कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (हकोका) को लागू किए जाने का ऐलान किया था। इसके तुरंत बाद गृह विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू कर दी थी लेकिन किन्हीं कारणों से हकोका का ड्राफ्ट फाइनल नहीं हो सका,जबकि इस बीच यशपाल सिंघल,के.पी.सिंह व बी.एस. संधू डी.जी.पी. रहे हैं। वहीं,गृह सचिव के तौर पर पी.के.महापात्रा, पी.के.दास,राम निवास व एस.एस.प्रसाद ने हकोका पर अपनी रायशुमारी दी। 

हरियाणा में इस तरह से होगा हकोका का प्रारूप 
हरियाणा हकोका कानून का प्रारूप महाराष्ट्र के मकोका की तर्ज पर बना रहा है। महाराष्ट्र में अंडरवल्र्ड के आतंक से निपटने के लिए 1999 में महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) बनाया गया था। इसके तहत जांच एजैंसी खूंखार अपराधियों, संगठित अपराध गिरोह और क्राइम सिंडिकेट चलाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति जरूरी है। कानून के मुताबिक खास तरह के मामलों में मकोका लगाया जा सकता है,जिसमें जमानत का प्रावधान नहीं है। इसके तहत अधिकतम सजा फांसी है,जबकि कम-से-कम 5 साल कैद का प्रावधान है।

कुछ संशोधन के साथ तैयार हो रहा है हकोका का ड्राफ्ट
हरियाणा में हकोका लागू करने को लेकर अब गृह विभाग की ओर से ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। बताया गया कि इस ड्राफ्ट में कुछ संशोधन किए गए हैं,जिसमें पहले पुलिस की शक्तियों को लेकर पेंच फंसा हुआ था। गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पुराने ड्राफ्ट में कुछ संशोधन के तहत हकोका का प्रस्ताव तैयार कर लिया जाए, जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी के साथ ही विधानसभा में बिल के रूप में पारित किया जाएगा। सी.एम. का तर्क है कि यदि जरूरत पड़ी तो बाद में कानूनी विशेषज्ञों की राय के बाद इसे संशोधित कर लिया जाएगा। 
 

Edited By

Naveen Dalal