अंधविश्वासः 40 वर्षीय बेटी घर में बनी बंधक, बेरहम पिता बोला- हमें अध्यात्मिक जीवन जीने दो

3/7/2020 1:36:29 PM

कैथल(सुखविंद्र सैनी)- पूंडरी हलके के एक गांव में पिता ने अपनी ही 40 वर्षीय बेटी है, को घर में बंधक बनाकर रखा है, लेकिन इस जीवन से लड़की संतुष्ट है, पर छोटी बहन को इस नरक से निकालने के लिए बड़ी बहन व परिवार के सदस्य काफी वर्षों से प्रयास कर रही हैं। वे इस मामले को लेकर पूंडरी थाना व महिला थाना में सभी जगह शिकायत दे चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसके बाद मामले की शिकायत महिला समाज समिति को दी, जिसने मामले की जानकारी महिला आयोग पंचकूला तक पहुंचाई।

महिला आयोग की टीम ने की 3 घंटे बातचीत
शिकायत मिलने के बाद शुक्रवार को हरियाणा राज्य महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ आज कैथल पहुंची और महिला थाना एस.एच.ओ., प्रोटैक्शन ऑफिसर सुनीता व पूंडरी पुलिस की टीम के साथ युवती के घर पहुंची। महिला आयोग की सदस्य घर की हालात व कमरे को देखकर हैरान रह गई कि दोनों पिता-पुत्री इस कैमरे में कैसे जीवन व्यतीत करते हैं। पिता व पुत्री से करीब 3 घंटे तक चली बातचीत के बाद महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ व समाज सेविका रमनदीप कौर इस निष्कर्ष पर निकली की लड़की को वन स्टॉप सैंटर ले जाकर उसकी काउंसलिंग करवाई जाएगी, लेकिन लड़की का पिता अपनी बेटी को पुलिस या आयोग की टीम के साथ नहीं भेजना चाहता था। पिता ने पुलिस एवं आयोग की टीम के सामने ही अपनी बड़ी बेटी से गाली-गलौच भी की। 

बाहर जाते वक्त बेटी को कर देता है कमरे में बंद
परिवार के सदस्यों व ग्रामीणों ने आयोग की सदस्य से कहा कि हमें खुद दुख होता है, जब इस लड़की की हालत देखते हैं। लड़की के सिर के बाल तक कटवाए हुए हैं। पिता एवं बेटी दोनों उच्च शिक्षा प्राप्त है, इसके बावजूद 21वीं सदी में इस प्रकार का जीवन जी रहे हैं, वह भी अचंभित हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिता जब भी बाहर जाता है तो कमरे को ताला देता है, ताकि उसकी बेटी बाहर न जाए। 

कभी भी गिर सकती है मकान की छत
जिस कमरे में पिता-पुत्री दोनों रहते हैं, वह भी मात्र 8 बाई 8 फुट का है। आंगन के बाहर जो दरवाजा लगा है,ख् वह जर्जर अवस्था में है। जिस कमरे में दोनों रहते हैं, उसकी छत कभी भी गिर सकती है। घर में न कोई बाथरूम है और न ही शौचालय। हम आपको बता दें कि उक्त पिता-पुत्री के चरित्र पर किसी भी प्रकार का आरोप नहीं है। लेकिन उनके रहन-सहन, एक कमरे में पूरा दिन बंद रहने से परिवार के सदस्य एवं ग्रामीण दुखी हैं और सभी चाहते हैं कि लड़की का जीवन सुधरे और वह भी अन्य लड़कियों की तरह अपना जीवन व्यतीत करें। चाहे वह पिता के साथ ही घर में क्यों न रहे।

हम अपना अध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं : पिता
पिता का कहना है कि हम अपना अध्यात्मिक जीवन जी रहे हैं और मुझे अपनी बेटी की शादी नहीं करनी, न ही मेरी बेटी शादी करना चाहती है। मैंने अपना निर्माणाधीन एक कमरा दान दे दिया है, मैं और मेरी बेटी अपने पुराने घर से ही संतुष्ट है।

युवती को इंसाफ दिलाकर ही जाउंगी : गौड़
महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ ने कहा कि शिकायत पर जब हम मौके पर गए तो लड़की की हालत काफी दयनीय थी। उसका पिता अपनी बड़ी बेटी को हमारे सामने ही गालियां दे रहा था। बड़ी बेटी ने अपने पिता के खिलाफ लिखित में शिकायत भी दी। इसके बाद पुलिस उसके पिता पर 107/51 में मामला दर्ज करने के लिए तैयार हो गई और उसके पिता को हिरासत में ले लिया। बंधक लड़की को वन स्टॉप सैंटर में छोडऩे के लिए गाड़ी में बैठा लिया। आयोग की सदस्य ने कहा कि इसके बाद प्रोटेक्शन ऑफिसर व पुलिस ने स्वयं ही पिता-पुत्री को एक कागज पर लिखवाने के बाद वहीं पर छोड़ दिया। इसका हमने विरोध भी किया, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद नम्रता गौड़ ने आई.जी. भारती अरोड़ा को फोन करके पुलिस के रवैये के बारे में बताया।इसके बाद स्वयं डी.एस.पी. महिला थाने पहुंचे और आश्वासन दिया कि पुलिस टीम अभी लड़की को वन स्टॉप लेकर आएगी। वहीं इस मामले में डी.एस.पी. कृष्ण कुमार ने कहा कि मैंने प्रोटैक्शन ऑफिसर को बोल दिया है कि लड़की को वन स्टॉप सैंटर लेकर आएं, ताकि उसकी काउंसलिंग करवाई जा सके। 
 

Isha