गन्ना किसानों के 400 करोड़ रुपए अटके

7/8/2018 11:02:05 AM

चंडीगढ़(पांडेय): प्रदेश में गन्ना किसानों का गुस्सा एक बार फिर से सामने आ गया है। गन्ना किसानों की करीब 400 करोड़ रुपए की राशि चीनी मिलों पर बकाया है। हालांकि खट्टर सरकार ने पिछले दिनों कैबिनेट मीटिंग में किसानों की बकाया राशि देने के लिए चीनी मिलों को पैसे देने का फैसला किया था लेकिन उसके अप्रूवल की फाइल अब तक अफसरों के पास से बाहर नहीं जा सकी है। लिहाजा गन्ना किसानों के सब्र का बांध भी अब टूटने लगा है।

पिछले दिनों इस बाबत गन्ना किसानों ने सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर से भी मुलाकात की थी जिस पर मंत्री ने किसानों की समस्या को गम्भीरता से सुनने के बाद जल्द ही गन्ने का भुगतान करवाने का आश्वासन दिया है। सहकारिता मंत्री से मिलने पहुंचे किसानों ने बताया कि उनका मिलों की तरफ 400 करोड़ बकाया है जिसके कारण उनके जरूरी काम भी लंबित पड़े हुए हैं। 

लम्बे समय से उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है। इसी तरह से गत कुछ अर्सा पहले भी यह राशि लगभग इतनी ही थी, जब आपत्ति उठाई गई तो 200 करोड़ की राशि जारी की गई थी। किसान चाहते हैं कि इसके लिए एक पारदर्शी व तय समयसीमा में भुगतान के नियमों का पालन सख्ती से किया जाए। किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके सामने चुनौतीपूर्ण हालात बने हुए हैं, प्रदेश की सभी 10 सहकारी शुगर मिलों पर एक बार फिर से उनकी रकम 400 करोड़ तक पहुंच गई है। 

गन्ना किसानों को बकाया राशि ब्याज सहित मिले : चढूनी
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने गन्ना किसानों को भुगतान समय से देने और ब्याज सहित रकम देने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह पहले भी इस तरह की मांग उठा चुके हैं। भुगतान में देरी होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वह गन्ना किसानों के साथ हैं और जरूरत पड़ी तो आंदोलन से भी पीछे नहीं हटेंगे। 

अब से पहले भी रोहतक, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, शाहाबाद, करनाल में स्थानीय नेताओं को अवगत करवाया गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष भी सबसे ज्यादा पिराई शाहबाद चीनी मिल में हुई और उसके बाद रोहतक और महम में हुई। बहरहाल, कुछ मिलों पर 25 फीसदी तो कुछ पर बकाया की बात करें तो 40 फीसदी तक भुगतान बकाया चला आ रहा है। 

Deepak Paul