चीका बिजली बोर्ड कार्यालय में 43.82 लाख के गबन का पटाक्षेप

3/10/2020 2:41:59 PM

गुहला/चीका, 9 मार्च (गोयल): बिजली निगम चीका में तैनात अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा बिजली उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिल की एवज में जमा किए गए लाखों रुपए के गबन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। लाखों रुपए के घोटाले को लेकर बिजली निगम के एस.ई. ने तुरंत प्रभाव से एक कर्मचारी हैड कैशियर हरिकिशन को सस्पैंड कर दिया है। आगामी जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।

मिली जानकारी अनुसार चीका बिजली बोर्ड कार्यालय में 43.82 लाख रुपए के गबन से तो पर्दा हटा लिया गया है लेकिन उक्त घोटाला कितना बड़ा हो सकता है, फिलहाल इस बारे बिजली निगम का कोई भी अधिकारी खुले मन से नहीं बता रहा है। बताया जाता है कि उक्त पैसा बिजली बिलों का उपभोक्ताओं से लिया गया था। जिसको उसी तारीख में बैंक के खाते में जमा करवाना होता है लेकिन कर्मचारियों द्वारा उक्त पैसा वहां जमा न करवाकर खुद प्रयोग कर लिया।

लाखों रुपए के घोटाले का उस समय पता चला, जब निगम के सी.ए. ने बैंक की स्टेटमैंट देखी और स्टेटमैंट में जिस हिसाब से अक्तूबर माह से अब तक बिजली के बिलों की अदायगी भारी मात्रा में हुई थी, उस हिसाब से पैसा बैंक में जमा नहीं मिला। सी.ए. द्वारा उक्त पैसे बैंक में जमा न होने की सूचना जब बिजली निगम के उज्ज अधिकारियों को दी गई तो घोटाले की परतें खुलनी शुरू हो गई। यह घोटाला अधिकारी व कर्मचारियों के बीच कई दिन तक गुप्त जांच के बीच ही घूमता रहा। यदि उक्त गबन की बारीकी से किसी ईमानदारी अधिकारी द्वारा जांच की जाए तो इसमें कई बड़े अधिकारी भी शामिल पाए जा सकते हैं। 
निगम के एस.ई. का कथन

इस सम्बंध में बिजली निगम के एस.ई. बी.एस. रंगा ने बताया कि चीका बिजली बोर्ड कार्यालय में हैड कैशियर के पद पर तैनात हरिकिशन से गबन राशि की रिकवरी 3 किश्तों में की जा चुकी है। आगामी जांच के लिए भी एक कमेटी बनाकर गबन की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है। जो भी अधिकारी, कर्मचारी उक्त गबन में शामिल पाया गया उनके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। 
लाखों रुपए के हुए गबन में मामला दर्ज न करने बारे एस.ई. से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामला जांच के बाद दर्ज होगा। पहले मामला दर्ज करवाना जांच को प्रभावित करने वाली बात साबित होगी।
 

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vinod kumar