मतदान में बचे 5 दिन, मैन-टू-मैन मार्किंग मोर्चाबंदी तेज

1/23/2019 10:08:15 AM

जींद (जसमेर मलिक): जींद उप-चुनाव के मतदान में अब 5 दिन शेष रहते चुनावी समर में उतरे तमाम प्रत्याशियों ने मैन-टू-मैन मार्किंग के लिए मोर्चाबंदी तेज कर दी है। इसमें रिश्तेदारियों से लेकर जान-पहचान तक सब वोट के लिए झोंक दी गई है। मैन-टू-मैन मार्किंग से चुनाव अब गांवों में सरपंच व शहर में वार्ड के एम.सी. के चुनाव की तरह हो चला है। एक-एक वोट के लिए अब प्रत्याशी और उनके समर्थक पसीना बहा रहे हैं। 

21 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला : 28 जनवरी को जींद के 1.72 लाख मतदाता करेंगे। मतदान में महज 5 दिन बचे हैं और अब एक-एक वोट के लिए मोर्चेबंदी शुरू हो गई है। मैन-टू-मैन मार्किंग में प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने गांव और वार्डों में अपने वोट बैंक में किसी भी तरह की सेंध नहीं लगने दे रहे। जहां भी उन्हें मतदाता के मन में कुछ बदलाव नजर आता है, तुरंत वहां डेरा डाल दिया जाता है। 

इस तरह की मैन-टू-मैन मार्किंग अब तक नहीं हुई थी। इस तरह की मोर्चेबंदी को लेकर खुद मतदाता भी साफ कह रहे हैं कि यह चुनाव विधानसभा का नहीं होकर वार्ड में एम.सी. और गांवों में सरपंच का चुनाव बन गया है। जलालपुर कलां के वजीर सिंह (62) कहते हैं कि वह 1972 से विधानसभा चुनाव देखते आए हैं। अब तक उन्होंने ऐसा विधानसभा चुनाव नहीं देखा था, जैसा अब हो रहा है। एक-एक वोट के लिए इस तरह मेहनत हो रही है जैसे गांव के सरपंच के चुनाव में भी नहीं होती। इसी तरह की बात निर्जन गांव के रामफल भी कहते हैं। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव की जितनी गर्मी इस बार महसूस की जा रही है उतनी पहले कभी नहीं होती थी। 

गांव में लोग भले ही यह नहीं बताएं कि किस प्रत्याशी को कितनी वोट मिल रही हैं लेकिन उनको अपने गांव की एक-एक वोट का हिसाब समझ आ चुका है। जींद शहर में रहने वाले सुनील शर्मा भी कहते हैं कि चुनाव बहुत देखे मगर पहली बार विधानसभा का चुनाव वार्ड के एम.सी. के चुनाव से भी कहीं सघन आधार पर लड़ा जा रहा है।
विधायक के चुनाव में कभी एक-एक वोट कीमती नहीं होती थी लेकिन उप-चुनाव में एक-एक वोट कीमती हो गई है। अनुसूचित जाति मोहल्ला के संदीप का कहना है कि एम.सी. के चुनाव में जिस तरह एक-एक वोट के लिए प्रत्याशी पसीना बहाते हैं, ठीक उस तरह जींद उप-चुनाव में एक-एक वोट के लिए प्रत्याशी जोर लगाए हुए हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है। 

अकेले कंडेला में 10 दिनों में 5 हजार से ज्यादा लोगों ने डाला डेरा 

उप-चुनाव की ग्राऊंड रिपोर्ट यह है कि चुनावी समर में उतरे सभी प्रमुख प्रत्याशियों ने वोट के लिए अपनी रिश्तेदारियों से लेकर संपर्क तक सब झोंक डाले हैं। इस विधानसभा क्षेत्र के ऐतिहासिक गांव कंडेला में वोट के लिए प्रमुख दलों के प्रत्याशियों की खातिर पिछले 10 दिनों से 5 हजार से ज्यादा लोगों ने डेरा डाला हुआ है। कोई रिश्तेदारी ऐसी नहीं बची है जिसके लोग गांव में वोट के लिए नहीं पहुंचे हों। इसी तरह जलालपुर कलां गांव के लगभग हर घर में वोट के लिए रिश्तेदारियों और जान-पहचान वालों के यहां से बाहर के लगभग 3 हजार लोग कैंप किए हुए हैं। 

Deepak Paul