अनाज मंडी में डायरिया ने पसारे पांव, 5 मजदूरों की मौत

9/28/2018 11:57:05 AM

करनाल( सरोए): नई अनाजमंडी में डायरिया ने पूरी तरह से पांव पसार लिए हैं, एक के बाद एक मजदूरों की जान जा रही है अब तक 5 मजदूरों की मौत हो चुकी है। जिसके चलते मजदूर मंडी छोड़कर वापस बिहार-यू.पी. जाने की तैयारी करने लगे हैं।उधर स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए पानी के सैम्पल फेल आए है जिसे देखकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। 

मंडी में डायरिया का प्रकोप रोकने के लिए डाक्टरों की टीमें मंडी में मजदूरों को दवाइयां बांट रही हैं, स्लाइडें बना रही हैं। जमा पानी को निकालने में लगे हुए हैं, एंटी लारवा की गतिविधियां चलाई जा रही हैं। जिसे बहुत देर के बाद उठाया कदम माना जा रहा है। अगर ऐसी गतिविधियां पहले चलाई जाती तो शायद मासूम बच्ची सहित 5 मजदूरों की जान बच सकती थी। वहीं मंडी प्रशासन की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया सकता है कि मंडी में लगे ट्यूबवैल पर डोजर मशीन ही खराब पड़ी थी जिस मशीन से पानी में दवाई डाली जाती है, वहीं स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट डाक्टर के खिलाफ आगामी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।  

ठेकेदारों को दिए नोटिस
नई अनाजमंडी में सफाई न होने के चलते अव्यवस्था फैली हुई है, जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। कचरा उठाने वाले ठेकेदार द्वारा धान का कचरा मंडी से बाहर ले जाने की बजाय मंडी में एक स्थान पर ढेर लगा दिए हैं जिससे गंदगी से मंडी में बदबू फैली हुई है। जिसकी तरफ न तो मंडी प्रशासन का ध्यान नहीं था और नहीं एस.डी.एम. का। मंडी में सफाई व्यवस्था की दयनीय स्थिति को देखते हुए मंडी सचिव सुरेंद्र सिंह ने दोनों ठेकेदारों को नोटिस भेजा है। उधर 5 मौत होने के बाद मजदूरों का गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने मंडी में काम रोक दिया।    

पानी निकासी की नहीं कोई व्यवस्था
मजदूरों की झुग्गी-झोंपडिय़ों के पास पानी जमा है, जिसे निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। ए.एन.एम. इंद्रावती, सीमा, आशा वर्कर नीतू, रीतू, सुमन, महेंद्र कौर, रूपा, कृष्ण ने बताया कि मंडी में गंदे पानी और गंदगी का आलम है। मरीजों का चैकअप करके दवाई बांटी जा रही है। साथ ही स्लाइडें भी बनाई जा रही हैं। यहां पर बैठना भी मुश्किल हो चला है। एम.पी.एच.डब्ल्यू. सुभाष चंद व यू.एम.एस. धर्मदास ने कहा कि पानी की जमा पानी में एंटी लारवा गतिविधियां चलाई गई हैं। पानी निकालना जा रहा है।

मरीज किए सिविल अस्पताल में शिफ्ट
प्राइवेट अस्पताल में जिन मरीजों का इलाज चल रहा था, उन्हें स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सिविल अस्पताल में शिफ्ट किया है ताकि उनको उचित इलाज मिल सके। वहीं स्वास्थ्य विभाग के सी.एम.ओ. प्राइवेट अस्पताल में पहुंचे और मरीजों को दिए जाने वाले इलाज की जानकारी ली। साथ ही डाक्टर की डिग्री जांच के लिए ड्रग्स इंस्पैक्टर को मौके पर बुलाया गया। जांच के बाद ही डाक्टर के खिलाफ नियम अनुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 

सरकारी व मैडीकल कालेज के डाक्टर नहीं करते एडमिट
मजदूरों के परिजनों ने कहा कि सरकारी व मैडीकल कालेज में जब इलाज के लिए जाते हैं तो सही प्रकार से बर्ताव नहीं करते। मरीजों को एडमिट नहीं करते। पहले ही वे परेशान होते हैं, कोई जानकारी नहीं होती। उनके साथ अगर सही बर्ताव किया जाता और उन्हें एडमिट कर लिया जाता तो शायद वे प्राइवेट अस्पताल में महंगे इलाज लेने से बच जाते।   

खाने तक के पैसे नहीं 
मृतक बच्ची कमल कुमारी की मां हेमा ने बताया कि वे व्यासशरीफ बिहार के रहने वाले हैं और मंडी में मजदूरी कर भरण पोषण कर रहे हैं। उनकी बेटी कमल कुमारी को उल्टी-दस्त हुए तो वे उसे एक प्राइवेट अस्पताल मेंं ले गए। पैसे नहीं थे, डाक्टर ने पैसे मांगे तो कहा कि उनके पास पैसे नहीं है, डाक्टर ने कहा पैसे जमा करवाओ तब जाकर दाखिल किया जाएगा। इसके बाद वे अपनी बेटी को लेकर कुंजपुरा रोड स्थित एक दुकान पर इलाज के लिए ले गए। वहां पर दवाई देकर उन्होंने बेटी को घर भेज दिया लेकिन बीच रास्ते में उनकी बेटी की मौत हो गई। वे गरीब लोग हैं, उनके पास तो खाने तक के पैसे नहीं हैं।

50 से अधिक स्लाइडें बनाई : डिप्टी सिविल सर्जन
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सरोज ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में डायरिया के मरीज आ रहे थे तो डाक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को सूचित क्यों नहीं किया। आज 50 से अधिक स्लाइडें बनाई गई हैं। डाक्टरों की टीम हर स्थिति पर नजर रखे हुए है। मजदूरों को जागरूक किया जा रहा है। डाक्टरों की टीम में मैडीकल अधिकारी डॉ. अनु, डॉ. मनोज रंगा, डॉ. अमन सहित अन्य मौजूद रहे। 

Deepak Paul