जानिए कौन है वो पांचों नाम जिनको कांग्रेस हाईकमान ने सौंपी हरियाणा की कमान ?

4/27/2022 6:15:10 PM

डेस्क (विवेक राय): हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी से हर कोई वाकिफ है और हाईकमान भी इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर दिखाई दी है। लेकिन अब इस समस्या का हल निकालते हुए हरियाणा कांग्रेस की कमान बदल दी गई है । उदयभान को हरियाणा कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया गया है और साथ ही चार कार्यकारी अध्यक्ष भी चुने गए हैं। जिनमें श्रुति चौधरी, रामकिशन गुर्जर, जितेंद्र कुमार भारद्वाज और सुरेश गुप्ता का नाम शामिल है ।

उदयभान हरियाणा की राजनीति के पुराने योद्धा हैं और 1987 से विधानसभा के मैदान में खुद लड़ रहे हैं। अपने राजनितिक सफर के दौरान वह पलवल जिले की हसनपुर व होडल सीट से चार बार विधानसभा पहुंच चुके हैं। शुरूआत में साल 1987 में लोकदल से विधायक बने, इसके बाद 2000 में विधान चुनाव में निर्दलीय लड़ने का फैसला किया और जीत हासिल की । समय बितने के साथ ही उदयभान ने कांग्रेस ज्वाइन की औऱ चुनाव लड़ा 2005 और 2014 में पार्टी को जीत दिलाई । उदयभान को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी कहा जाता है। वहीं हाईकमान दलित समुदाय को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहती थी। इसलिए उदयभान को नाम चुना गया। उदयभान की ज्यादा पहचान तो इनके पिता गयालाल की वजह से है। दरअसल, गयालाल भी विधायक पद की भूमिका पर रहे हैं और हरियाणा राजनीति में दलबदल के प्रयाय के तौर पर गयालाल का नाम लिया जाता है। उनके नाम एक दिन में सबसे ज्यादा पार्टी बदलने का रिकॉर्ड है।

वहीं बात अगर श्रुति चौधरी कि करें तो वह पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पौत्री हैं और उनके पिता सुरेंद्र सिंह भी मंत्री पद पर रहे हैं। साथ ही उनकी मां किरण चौधरी भी मंत्री रह चुकी हैं और अब विधायक की भूमिका में हैं। श्रुति चौधरी अपने राजनीतिक सफर के दौरान साल 2009 में भिवानी लोकसभा से सांसद चुनी गई थी। इसी सीट पर उनके दादा चौधरी बंसीलाल भी तीन बार सांसद रह चुके थे वहीं पिता सुरेंद्र सिंह ने भी दो बार इसी सीट से जीत हासिल की थी और सांसद बने थे। हालांकि, श्रुति चौधरी एक बार सांसद बनने के बाद इस सीट को आगे अपने लिए बचा नहीं पाई। वर्तमान में श्रुति चौधरी को कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष बनवाने में उनकी मां किरण चौधरी की अहम भूमिका रही है। वहीं श्रुति चौधरी को बेशक राजनीती विरासत में मिली हो लेकिन हरियाणा की राजनीती उनका नाम ज्यादा नहीं गुंजता।

हरियाणा कांग्रेस की नई टीम में रामकिशन गुर्जर का नाम भी शामिल हैं जो कि नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र , विधायक रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव भी रहे हैं। राजनीति के साथ-साथ रामकिशन गुर्जर का नाम क्राइम रिकॉर्ड में भी है। दरअसल, आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अंबाला कोर्ट से 4 साल की सजा सुनाई गई । इसके बाद रामकिशन ने अपनी पत्नी शैली चौधरी को विधानसभा चुनावों के मैदान में उतारा और वर्तमान में उनकी पत्नी विधायक हैं। कहा जाता है कि रामकिशन गुर्जर कुमारी सैलजा के काफी भरोसेमंद साथियों में से हैं और सैलजा ने ही इनके नाम की सिफारिश की है।

वहीं जितेंद्र कुमार भारद्वाज को भी हरियाणा कांग्रेस में कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। जिसके पीछे कई अहम कारण हैं। दरअसल, जितेंद्र के दादा और पिता ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं इसके साथ ही वे खुद गुड़गांव जिला ग्रामीण अध्यक्ष व प्रदेश प्रवक्ता भी रहे। हुड्डा से करीबी संबंध होने के चलते ही जितेंद्र भारद्वाज को कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। हालांकि, इनका हरियाणा की राजनीति में ज्यादा दबदबा नहीं रहा है। लेकिन पार्टी ने इनपर काफी भरोसा जताया है।

बात अगर सुरेश गुप्ता की करें तो उनकी पहचान सुरेश गुप्ता मतलौडा के रूप में हैं और सुरेश रणदीप सिंह सुरजेवाला के नजदीकी हैं। जिसके चलते ही अंदेशा लगाया जा रहा है कि सुरेश गुप्ता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के पीछे सुरजेवाला का हाथ है। सुरेश गुप्ता का नाम हरियाणा की राजनीति में जब सुनने को ज्यादा मिला जब उन्होंने साल 2013 में हुड्डा सरकार और अपनी ही पार्टी की करनाल की विधायक सुमिता सिंह के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। साल 2014 में करनाल की सीट से सुरेश गुप्ता ने आजाद उम्मीद्वार के तौर पर चुनाव लड़ा था लेकिन भारी मतों से हार मिली थी।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

Content Writer

Vivek Rai