पंचकूला मामले में 53 आरोपियों पर देशद्रोह की धारा हटी, पुलिस पर खड़े हुए सवालिया निशान

2/19/2018 7:16:11 PM

चंडीगढ़(धरणी): पंचकूला हिंसा मामले में गिरफ्तार 53 आरोपियों पर दर्ज देशद्रोह की धारा हटने के बाद पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो गए है। पंचकूला हिंसा मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील रविंद्र ढुल ने आरोप लगाया है कि जानबूझकर इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को फायदा दिया है। ढुल ने कहा कि अगर दूसरी एफआईआर में भी इसी तरह से चूक की गई है तो बाकि के आरोपियों को भी इसका फायदा मिल सकता है। 

उन्होंने कहा कि देशद्रोह के मामले में सरकार को जानकारी देनी होती है। मगर इस मामले में पुलिस ने ऐसा नहीं किया था। जिसके चलते मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आरोपियों से  चार्ज फ्रेम करने से इंकार कर दिया है। साथ ही बताया कि पंचकूला दंगे को लेकर हाई कोर्ट में चल रहे मामले में अगली तारीख पर इस मुद्दे को उठाया जायेगा। किस तरह से पुलिस ने आरोपियों को फायदा देने का प्रयास किया है। 

जानकारी के अनुसार पंचकूला दंगा मामले के 53 आरोपियों पर दर्जद्रोह की धारा हट गई है। अब देखना कि हनीप्रीत समेत अन्य आरोपियों पर दर्ज एफआईआर में भी क्या  इसी तरह की चूक पुलिस की तरफ से की गई है या नहीं। ढुल ने कहा कि एफआईआर 335 में अधिकतर वही आरोपी है। जो दंगे मामले में प्रमुख एफआईआर 345 में है । उन्होंने बताया कि अब ये मामला सेशन कोर्ट की जगह  मजिस्ट्रेट कोर्ट में चलेगा और इन धाराओं के तहत अधिक से अधिक 7 साल तक की हो सकती है। देशद्रोह के मामले में उम्रक़ैद से लेकर फांसी की सजा का प्रावधान है। 

इस मामले में रविंद्र ढुल ने बताया कि यदि एफआईआर में इस तरह का कार्य किया है। तो दूसरे आरोपी भी इसका बेनिफिट लेने का प्रयास कर सकते है। उन्होंने कहा कि सरकार अब सेशन कोर्ट में अपील कर सकती है। मगर इसमें टेक्निकल एरर छोड़े गए है जिसके चलते चांस कम है। गौरतलब है कि पंचकूला दंगे मामले को लेकर चल रही हाईकोर्ट में सुनवाइयों के दौरान पुलिस को हाईकोर्ट कई मामलो में फटकार लगा चूका है। जिस तरह का फायदा पंचकूला दंगे के आरोपियों को कोर्ट से मिला है। उसके बाद इस मामले का मुद्दा कोर्ट में उठना लाजमी है। अब देखना ये होगा कि आरोपियों के ऊपर से देशद्रोह के चार्ज हटने के बाद पुलिस इस मामले में किस तरह से बचाव कर पाती है ।