हरियाणा में 6.3 % महिलाएं, 39.1 % पुरुष करते हैं धूम्रपान, देश में हर साल होती है करीब 10 लाख मौतें

10/28/2020 2:10:48 PM

चंडीगढ़ : तंबाकू से बच्चों और युवा पीढ़ी को दूर करने के लिए दिल्ली की कंज्यूमर वॉयस ने सरकार से अपील की है कि हरियाणा में तंबाकू विक्रेता लाइसैंसिंग को लागू किया जाए। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जी.ए.टी.एस.-2) रिपोर्ट कहती है कि तंबाकू के सेवन से देश में हर साल करीब 10 लाख मौतें होती हैं। हरियाणा के आंकड़ों की मानें तो 39.1 प्रतिशत पुरुष, 6.3 प्रतिशत महिलाएं और 23.6 प्रतिशत सभी वयस्क या तो तंबाकू युक्त धूम्रपान करते हैं या धुआं रहित तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। 15-17 साल आयु वर्ग के युवाओं में तंबाकू के उपयोग की व्यापकता जी.ए.टी.एस. 1 (2008-9) में 0.0 प्रतिशत से बढ़कर जी.ए.टी.एस. 2 (2016-17) में 4.0 प्रतिशत हो गई है।

सिगरेट और बीड़ी को सस्ते में बेचा जाता है 
कंज्यूमर वॉयस के चीफ ऑप्रेटिंग ऑफिसर अशिम सान्याल का कहना है कि ‘तंबाकू विक्रेता सिगरेट और बीड़ी को सस्ते में बेचने हेतु सिंगल स्टिक्स के आधार पर बेच देते हैं। शैक्षणिक संस्थानों के बाहर ऐसे उत्पादों की युवा पीढ़ी खूब बिक्री करती है। तंबाकू विके्रताओं का अधिनियम निश्चित रूप से तंबाकू के सेवन में कटौती कर सकता है और युवा पीढ़ी को बचाया जा सकता है।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री, गुरुग्राम और रोहतक नगर निगमों के मेयर व अधिकारियों को कई दफा इस बाबत विरोध पत्र भेजे जा चुके हैं। तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा- 2003) के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने व तंबाकू के जाल से बच्चों को बचाने के लिए, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 21 सितम्बर 2017 को एडवाइजरी जारी कर स्थानीय अधिकारियों से अनुरोध किया था कि तंबाकू उत्पाद बेचने वालेे दुकानदार टॉफी, कैंडी, चिप्स, बिस्कुट आदि न बेचें।

वर्ष 2018 में भारत सरकार के आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा इसी तरह की सलाह जारी की गई थी। तंबाकू विक्रेता लाइसैंसिंग लागू होने के बाद बच्चों को तंबाकू उत्पादों से दूर किया जा सकता है। सान्याल ने कहा कि तंबाकू का उपयोग देश के आॢथक और चिकित्सीय बोझ को बढ़ा रहा है। कोरोना काल में तंबाकू के सेवन को नियंत्रित करना ज्यादा जरूरी हो गया है इसलिए सरकार को तंबाकू विक्रेता लाइसैंसिंग को प्रभावी नीति के तौर पर लागू करने की सख्त जरूरत है।

Manisha rana