किसान आंदोलन के सर्मथन में 8 युवाओं ने से राष्ट्रपति से मांगी इच्छामृत्यु

3/20/2021 4:18:45 PM

हिसार(विनोद):  केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का लगातार विरोध प्रर्दशन जारी है। इसी बीच आंदोलन के समर्थन में हिसार जिले के 8 युवाओं ने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है। बता दें कि कापड़ों निवासी संजय गोयत, आनंद, जितेंद्र, रवि, मसूदपुर निवासी शमशेर, राखी शाहपुर निवासी विक्रम, अजय, माजरा निवासी मोनू ने हिसार के जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर मांग की है कि पिछले काफी दिनों से किसान अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं   लेकिन सरकार का रवैया किसानों के प्रति सही नहीं है। वे इससे आहत हैं।वहीं ये सभी युवा ने खेड़ी चोपटा पर 31 मार्च तक शांतिपूर्वक धरना दिया है । अगर प्रशासन ने इनके साथ कोई मानसिक प्रताड़ना या गलत हरकत की। और उसके बाद उनका कोई भी साथी कोई भी गलत कदम उठाता है। तो उसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

संजय कापड़ो ने बताया कि आज हमने डीसी के माध्यम से राष्ट्रपति के नामa पत्र भेजा है। जिसमें हमने राष्ट्रपति से अपनी इच्छा मृत्यु को लेकर अनुमति मांगी है। उन्होंने बताया कि इस पत्र में हमने तीनों काले कृषि कानूनों को वापिस लेने की मांग की है। उन्होंने बताया कि हमने यह निर्णय किसानों पर हो रहे अत्याचारों को देखते हुए किया है। क्योंकि सरकार ने लगातार किसानों के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाया हुआ है। संजय ने बताया कि सरकार कह रही है कि बॉर्डर पर जो किसान बैठे हैं। उनकी तो मौत किसी ने किसी तरीके से होनी थी। चाहे वह बीमारी के कारण हो चाहे सर्दी के कारण। अब तक ढाई सौ किसानों की मृत्यु हो चुकी है  और अब हम भी इस मुहिम में शामिल होना चाहते हैं। संजय ने बताया कि नेशनल मीडिया भी किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी आदि शब्दों से संबोधित कर रही है। तो हम पूछना चाहते हैं कि क्या हमारे देश के किसानों का स्थान अब यह रह गया है। 

उन्होंने बताया कि जो किसान देश को अन पैदा करके देता है। उसके लिए ऐसे अपशब्दों का प्रयोग किया जा रहा है जो कि बिल्कुल सही नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार चाहती है कि यह आंदोलन 2024 तक चले तो यह आंदोलन 2024 तक भी चलेगा। लेकिन जब तक किसानों की मांगों को नहीं मान लिया जाता और इन तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे। युवाओं ने कहा कि किसानों को आतंकवादी भी कहा गया है।  जिसके कारण वे सरकार से आहत होकर इच्छामृत्यु की मांग कर रहे हैं। सभी युवाओं ने जिला उपायुक्त को पत्र सौंप कर यह भी अल्टीमेटम दिया है कि अगर 12 दिनों के बाद भी इस पत्र के माध्यम से कोई जवाब नहीं मिला तो इस विषय में जिला उपायुक्त की स्वीकृति मानी जाएगी।

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Content Writer

Isha