हरियाणा में मात्र 24 घंटों में 81 हिस्ट्रीशीट खुलीं, 98 बदमाश सलाखों में...700 बड़े अपराधी सलाखों के पीछे
punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 04:09 PM (IST)
डेस्क: हरियाणा पुलिस के ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत 17 नवंबर का दिन हरियाणा की पुलिसिंग हिस्ट्री में ‘रिकॉर्ड-ब्रेकर डे’ के तौर पर दर्ज हो गया है। एक ही दिन में 75 केस दर्ज, 98 कुख्यात अपराधियों की गिरफ्तारी और 256 अन्य अपराधियों को जेल भेजकर पुलिस ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। मात्र 24 घंटों में 81 हिस्ट्री शीट खोली गईं। यह आंकड़ा पिछले 12 दिनों में खोली गई कुल हिस्ट्री शीट (179) को अचानक 260 तक पहुंचा देता है।
ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत पुलिस हर संदिग्ध और पुराने अपराधियों की प्रोफाइलिंग करके भविष्य के अपराधों की रोकथाम पर फोकस कर रही है। जितनी हिस्ट्री शीटें खुलीं, उतने ही गैंगों की ‘वर्किंग स्टाइल’ जैसी अंदरूनी जानकारियां बाहर आईं, जिन्हें आगे गैंग-फ़्री हरियाणा मॉडल में शामिल किया जाने वाला है।
17 नवंबर का ‘टॉप परफॉर्मर’ झज्जर जिला रहा, जिसने 18 मामलों में 21 कुख्यात अपराधियों को पकड़कर बाकी जिलों के लिए मानक तय कर दिया। इसके बाद करनाल (9 गिरफ्तारियां), कैथल (8) और रोहतक (8) ने भी अच्छी परफॉरमेंस दर्ज की। हिस्ट्री शीट खोलने में सोनीपत सबसे आगे रहा, जिसने 26 हिस्ट्री शीटें खोलकर स्पष्ट संदेश दिया कि अब अपराधियों की पुरानी लोकेशन और चालबाज़ियों को रिकॉर्ड में कैद किया जाएगा।
एक दिन में दर्ज हुए कुल 75 मामलों में सबसे अधिक केस आर्म्स एक्ट के रहे। 27 केस और 33 गिरफ्तारियां हुईं। इसके अलावा हत्या का प्रयास के 16 केस में 23, उगाही के 10 केस में 10 और लूट के 6 केस में 10 गिरफ्तारियां हुईं। ये आंकड़े साफ बताते हैं कि पुलिस सीधे उन अपराधियों को निशाना बना रही है, जो कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ा खतरा बनते हैं।
ट्रैकडाउन की अगली बड़ी कड़ी करनाल से सामने आई, जहां जमीन कब्ज़ा करने वाले नेटवर्क को पुलिस ने निशाना बनाया। 18 नवंबर को रमेश और विशाल वालिया को गिरफ़्तार किया गया। ये दो आरोपी 16 नवंबर को यमुना विहार कॉलोनी में प्लॉटों पर कब्ज़ा करने की कोशिश में थे। तफ्तीश में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि मुख्य आरोपी रमेश पर पहले से 6 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें 384 आईपीसी (जबरन वसूली), आर्म्स एक्ट, 307 (हत्या का प्रयास) जैसे गंभीर मामले शामिल हैं। दोनों को रिमांड पर लेकर पुलिस अब उनके गैंग की ‘जमीन कब्ज़ा रैकेट’ की पूरी संरचना खंगाल रही है।
ट्रैकडाउन के अंतर्गत करनाल पुलिस ने पुरानी रंजिश के मामले में चार और वांछित आरोपियों - बबली, जसराम, प्रदीप और सागर को हिरासत में लिया। ये सभी 26 अप्रैल को मीरा घाटी पार्क में शिकायतकर्ता पर हमला करके फरार हो गए थे। पूछताछ में पता चला कि गैंग लीडर बबली भी 6 मामलों में वांछित है। इनमें 2015 का आर्म्स एक्ट, 2019 का उगाही का मामला भी शामिल है। पुलिस पहले ही इस केस में पांच गिरफ्तारियां कर चुकी थी। अब इन चार की गिरफ्तारी के बाद पूरा गैंग लगभग ध्वस्त माना जा रहा है।
डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत अब तक कुल 768 कुख्यात अपराधी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके अलावा 2980 अन्य अपराधी धर दबोचे गए। पुलिस का कहना है कि ट्रैकडाउन सिर्फ बड़ी मछलियां नहीं पकड़ रहा, बल्कि स्थानीय स्तर पर छोटे लेकिन खतरनाक अपराधियों को भी खत्म कर रहा है, जो भविष्य में बड़े अपराधों की जड़ बनते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अब हजारों गिरफ्तारियों और हिस्ट्री शीट डेटा को जोड़कर ‘क्राइम-फ्री ज़ोन मैपिंग’ तैयार कर रही है। एक ऐसा डिजिटल सिस्टम जो अपराधियों की मूवमेंट, उनके पुराने ठिकानों और गैंग पैटर्न को हाई-रिस्क ज़ोन से लिंक करेगा। इससे हर जिले की पुलिस को ‘प्री-क्राइम अलर्ट’ मिल सकेगा। यानी ट्रैकडाउन अब सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, एक टेक-इनेबल्ड क्राइम इरैडिकेशन मॉडल बन रहा है।