यमुना तटीय इलाकों में भयंकर बाढ़ की संभावना, 8 लाख CUSEC से ऊपर पहुंचा HKB का पानी

8/18/2019 10:00:03 PM

यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): हरियाणा के यमुनानगर में हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी तबाही का इशारा कर रहा है। इस पानी से यमुना नदी के साथ लगते हरियाणा के तमाम जिलों के साथ राजधानी दिल्ली के यमुना तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। हालांकि अभीतक ऐसे में अभी तक दो लाख 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है, जो अगले 72 घंटों में दिल्‍ली में दस्‍तक दे देगा। पानी की इतनी बड़ी मात्रा एक साथ आने से दिल्‍ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। यमुना नदी पर जलस्तर ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। पिछले साल जुलाई महीने में हथिनी कुंड बैराज पर यमुना नदी का जलस्तर 605000 क्यूसिक के आसपास था। इस साल अगस्त माह में यमुना नदी पर बने हथिनी कुंड बैराज पर 8 लाख 28 हजार क्यूसिक पानी मापा गया है।


दिल्‍ली में प्रशासन ने यमुना के आसपास रह रहे लोगों को अलर्ट  कर दिया है वहीं सिंचाई विभाग ने हाई फ्लड घोषित कर दिया है। कहा जा रहा है कि पहाड़ों पर हो रही बरसात (rain) के चलते यमुना का जलस्‍तर लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले 15 अगस्त को हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 143000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था लेकिन अब जिस तरह से 257000 क्यूसेक पानी इसी हफ्ते में लगातार दूसरी बार छोड़ा गया है तो उससे खतरा बढ़ गया है। यमुना से सटे दिल्ली के रिहायशी इलाकों और झुग्गी के एरिया में रहने वाले लोगों के लिए ये पानी मुसीबत बन सकता है। 



पानी के कारण यमुना के साथ लगते यमुनानगर जिला के कई इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसके साथ-साथ करनाल पानीपत सोनीपत फरीदाबाद एवं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। जिसके लिए यमुनानगर जिला प्रशासन ने अन्य जिला के अधिकारियों को इस संबंध में सूचनाएं भिजवा दी है। यमुनानगर के डीसी मुकुल कुमार  ने बताया कि लगातार बढ़ रहे जलस्तर को लेकर हथनीकुंड से सटे और यमुना के निचले इलाकों में प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। हथनी कुंड में 9 बजे 3 लाख 25 हज़ार क्यूसिक पानी मापा गया।

एक दशक में कितना घटा बढा जल बहाव
हथनीकुंड बैराज के 18 बेज (गेट) बने हुए है। एक गेट की लंबाई 18 मीटर है। बैराज की क्षमता9,95,900 क्यूसेक पानी की है। हरियाणा में बाढ़ की स्थिति वर्ष 1978 में बनी थी, जब यमुना में पानी का जलस्तर बढ़कर 7.10 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था। उसके बाद 1988 में 5,75,332क्यूसिक, 1995 में 5,36,388, 1998 में5,41,700, 2008 में 4,09,876, 2009 में4,20454, 2010 में 6,41,462 व इस में वर्ष यमुना का जलस्तर अब तक का सर्वाधिक8,06,464 क्यूसेक रहा है।2010 में जल बहाव 8लाख 44 हजार क्यूसेक तक दर्ज किया गया और ताजेवाला हैडवर्कस के खडे हुए स्ट्रेक्चर को भी बहा ले गया।वर्ष 2002 में ताजेवाला की जगह हथनीकुंड बैराज अस्तित्व में आ गया। वर्ष 2003से 2009 तक जल बहाव की हालत 5 से 6 लाख क्यूसेक के आसपास रही।वर्ष 2010 व 2011 में तो यमुना नदी ने हथनीकुड बैराज को अपने होने का अहसास करा दिया। 2010 में जल बहाव 8लाख 44 हजार क्यूसेक दर्ज किया गया

प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है
लगातार 24 घण्टो से हो रही बरसात आसमानी आफत बन उतर रही है ।औसत से ज्यादा बरसात होने के चलते निचले इलाकों से लेकर नेशनल हाइवे तक पानी पानी है। बरसात में यातायात भी अस्त-व्यस्त कर के रख दिया है ।तेज़ बरसात सीएम की जन आशीर्वाद यात्रा को भी प्रभावित कर सकती है।वही हर ऐसे ही बरसात चलती रही तो यमुना का विकराल रूप देखने को मिलेगा जो यमुना से लगते निचले क्षेत्रो और राजधानी दिल्ली के लिए 72 घँटे बाद तबाही मचा सकता है।इसके लिए यमुना नगर प्रशासन दिल्ली के अधिकारियों से भी सम्पर्क में है और पल पल की अपडेट दी जा रही है।

Isha