चमत्कार! शादी के 31 साल बाद 62 की उम्र में पैदा हुआ घर का चिराग, निःसंतान दंपतियों को दिखी उम्मीद की किरण

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 06:25 PM (IST)

अंबालाः कहते हैं भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं। दरअसल ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि शादी के 31 साल बाद 62 वर्ष की उम्र में एक व्यक्ति को संतान प्राप्ति का सुख प्राप्त हुआ है। आज कल के लोगों में बदलते रहन सहन के कारण यौन समस्याएं आम हो गईं हैं। लेकिन अब घबराने की बात जरूरत नहीं है। क्योंकि अंबाला छावनी में स्थित अमेरिकन अस्पताल में डॉ केसी शर्मा द्वारा आयुर्वेदिक तरीके से यौन रोगों का सही और सुरक्षित इलाज होता है।  

दंपति ने बताया कि 8 बार टेस्ट ट्यूब बेबी, आई.वी.एफ  तथा 6 बार आईयुआई करा कर शादी के 31 साल बाद जब दम्पति थक चुके थे। संतान सुख न मिल पाने के कारण दंपति निराश थे। निराशा में एक उम्मीद की किरण बनकर आए डॉ केसी शर्मा ने दंपति के जीवन में प्रकाश भर दिया। जब हर जगह दिखा कर थक हार गए तब दंपति ने नब्ज दिखा कर अपना आयुर्वेदिक इलाज कराने का फैसला लिया। इसके बाद दोनों दंपति  डॉ के.सी.शर्मा, अमेरिकन अस्पताल, सराफा बाजार, अम्बाला छावनी आए। यहां इलाज करवाया और उनके घर में किलकारी गूंजी। 

 इससे पहले दम्पति ने अपना इलाज दिल्ली,बॉम्बे, शिमला, जालंधर के मशहूर हॉस्पिटलो से व एम्स हॉस्पिटल दिल्ली पी.जी.आई.चंडीगढ से करवाया था, परंतु लाखों  रूपये ख़र्च कर भी संतान नहीं हुई। दम्पति ने हिम्मत नहीं हारी। एक दिन लुधियाना  में रहने वाले रिश्तेदार ने बताया कि उसको भी शादी के 28 साल बाद बच्चे की प्राप्ति डॉ.के.सी.शर्मा, अमेरिकन हॉस्पिटल, सराफा बाजार, अम्बाला छावनी के इलाज से हुई। उन्होंने बताया कि इलाज पूरी तरह सुरक्षित है।  नब्ज देखकर आयुर्वेदिक इलाज करते हैं। 

उन्होंने बताया कि पति की उम्र 60 वर्ष थी। शुक्राणु निल,सैक्स कमजोरी थी। पत्नी की उम्र 55 वर्ष थी उसको हार्मोनल डिस्टर्बेंस की वजह से पीरियड आगे-पीछे होता था, दर्द मारकर कभी ज्यादा कभी कम आता था। बच्चेदानी में रसौली, फाइब्रॉइड व ओवरी में सिस्ट थे, अंडा-ओवम नहीं बनता था। फेलोपियन ट्यूब बन्द थी। पी.सी.ओ.डी भी था। कई कई महीने पीरियड नहीं आता था।
उसने कहा कि अमेरिकन अस्पताल, अम्बाला छावनी से आयुर्वेदिक इलाज करवाएं क्योंकि उसको भी वहीँ से सन्तान की प्राप्ति हुई है।

अमेरिकन हॉस्पिटल में नब्ज दिखा कर युर्वेदिक इलाज करवा कर कई स्त्रियों को 25  साल से रुकी माहवारी भी आ चुकी है। साथ ही कई नि:सन्तान स्त्रियों की गोद भर चुकी है। भगवान कभी भी किस्मत बदल सकता है।

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Content Editor

Saurabh Pal

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