पानीपत की ऐसी कॉलोनी जहां डर के साये में जीते हैं मां बाप, जानें पूरा मामला (VIDEO)

1/29/2020 5:31:48 PM

पानीपत(सचिन): हरियाणा के पानीपत की ऐतिहासिक व औद्योगिक नगरी में मासूम बच्चों के गायब होने का सिलसिला जारी है। यही वजह है कि बच्चों के मां बाप रो-रोकर जिंदगी काटने को मजबूर हैं। मां बाप आलाधिकारियों के दरवाजे खटखटाकर बैठ चुके, लेकिन कोई उनके घरों के चिरागों को तलाशने में कामयाब नहीं हुआ। वहीं इसको लेकर प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री ने सिर्फ आश्वासन ही दिया। लोगों को अब डर सता रहा है कि अगर बच्चों को बाहर भेजा तो वह शायद लौट के घर नहीं आएंगे।

पानीपत की एकता कॉलोनी से गायब हुए 6 बच्चे
पानीपत में क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं प्रशासन है कि कार्यवाही के नाम का आश्वासन देकर पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम करने की कोशिश में लगा है। बता दें कि पानीपत में 2016 से लेकर 2020 तक छोटे-छोटे नाबालिक बच्चे कहां जा रहे हैं, कौन ले जा रहा ह,ै आज तक कोई पता नहीं चला है।  पानीपत की एकता कॉलोनी से 2016 से 6 बच्चे गायब हुए, जबकि पानीपत में ये आंकड़ा सैकड़ों का है। 



बच्चों के लिए दर-दर भटक रहे परिजन 
परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश की, पुलिस को भी सूचित किया। इतना ही नहीं उन्होंने मंत्रियों से लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी गुहार लगाई, लेकिन कोई परिणाम सामने नहीं आया। आज इस मामले को लेकर कोई भी किसी तरीके की कार्रवाई प्रशासन की तरफ से नहीं की गई। आज भी परिजन उन नाबालिक बच्चों के लिए दर-दर भटक रहे हैं, पर उनकी सुनने वाला कोई नहीं। 

प्रशासन नहीं करता कोई कार्रवाई
परिजनों का कहना है कि प्रशासन को बार बार सूचित किया जाता है, लेकिन वह गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखकर इसको ऐसे ही छोड़ देते हैं, जबकि नाबालिक बच्चों के लिए कानून यह कहता है कि इसके अंदर अपहरण का मामला दर्ज किया जाए, लेकिन सिर्फ गुमशुदगी का मामला दर्ज होता है। वहीं कार्रवाई कागजों में खोकर रह जाती है। यही कारण है कि पानीपत में ये आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है।



बच्चों का घर से निकलाना हो जाएगा मुहाल 
परिजनों का तो यहां तक कहना है कि अगर यही हालात रहे तो बच्चों का घर से निकलना भी मुहाल हो जाएगा। कभी भी इस विषय पर गंभीरता से प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। बहुत से परिवार ऐसे हैं जो रोजी रोटी कमाने के लिए पानीपत आए, लेकिन यहां रोजी रोटी कमाना तो दूर उन्होंने अपने जिगर के टुकड़े को भी खो दियाञ आज वे इसी प्रयास में लगे रहते हैं कि काश उनका जिगर का टुकड़ा उन्हें मिल जाए। इसी जद्दोजहद में आज भी वह दर बदर की खाक छान रहे हैं। 

Edited By

vinod kumar